Question -
Answer -
1. AgNO3 (aq)→ Ag+ (aq) + NO–3 (aq)
H2O H+ +OH–
कैथोड पर : चूंकि सिल्वर का अपचयन विभव (+0.80 V) जल (-0.830 V) से अधिक है, इसलिए Ag+ वरीयता के
आधार पर अपचयित होगा तथा सिल्वर धातु कैथोड पर जमा होगी।
Ag+ (aq) + e– → Ag (s)
ऐनोड पर : निम्न अभिक्रिया होगी –
H2O (l) → 1/2 O2(g) + 2H+ (aq)
NO–3 (aq) → NO3 + e–
Ag(s) → Ag+ (aq) + e–
इन अभिक्रियाओं में कॉपर का अपचयन विभव न्यूनतम है। इसलिए सिल्वर स्वयं ऐनोड पर ऑक्सीकरण के फलस्वरूप Ag’ में परिवर्तित हो जायेगी और Ag’ आयन विलयन में चले जायेंगे।
Ag(s) → Ag+ (aq) + e–
2. कैथोड पर : सिल्वर आयने अपचयित होंगे तथा सिल्वर धातु जमा होगी।
ऐनोड पर : चूँकि जल का अपचयन विभव NO–3 आयनों से कम होता है, इसलिए जल वरीयता के आधार पर ऑक्सीकृत होगा तथा ऑक्सीजन मुक्त होगी।
H2O (l) → 1/2 O2 (g) + 2H+ (aq) + 2e–
3. प्लैटिनम इलेक्ट्रोडों के साथ H2SO4 के तनु विलयन का विद्युत-अपघटन
H2SO4(aq) → 2H+ (aq) + SO2-4 (aq)
H2O H+ +OH–कैथोड पर : H+ +e– →H
H → H2 (g)
ऐनोड पर : OH– →OH + e–
4OH → 2H2O (l) + O2 (g)
अत: कैथोड पर H, तथा ऐनोड पर 0 मुक्त होगी।
4. CuCl2 (aq) → Cu2+ (aq)+ 2Cl– (aq)
H2O H+ +OH–
कैथोड पर : चूंकि Cu2+ (+0.341 V) का अपचयन विभव जल (-0.83 V) से अधिक होता है, इसलिए Cu2+ वरीयता के आधार पर अपचयित होंगे तथा कैथोड पर कॉपर धातु जमा होगी।
Cu2+ (aq) + 2e– → Cu (s)
ऐनोड पर : निम्न अभिक्रियाओं के होने की सम्भावना है –
H2O (l) → 1/2 O2 (g) + 2H+ (aq) + 2e– ;
E° = +1.23 V
2Cl– (aq) → Cl2 (g) + 2e– ;E° = + 1.36V
चूँकि जल का अपचयन विभव Cl– (जलीय) आयनों से कम होता है, इसलिए जल वरीयता के आधार पर ऐनोड पर ऑक्सीकृत होगा तथा O2, गैस मुक्त होगी।