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Question -

निम्नलिखित को उदाहरण सहित समझाइए –
1. कोल्बे अभिक्रिया 
2. राइमर-टीमैन अभिक्रिया
3. विलियमसन ईथर संश्लेषण
4. असममित ईथर।



Answer -

1. पाठ्यनिहित प्रश्न संख्या 9 (ii) देखिए।
2.
पाठ्यनिहित प्रश्न संख्या 9 (i) देखिए।
3. 
विलियमसन ईथर संश्लेषण (Williamson EtherSynthesis) – यह सममित और असममित ईथरों को बनाने की एक महत्त्वपूर्ण प्रयोगशाला विधि है। इस विधि में ऐल्किल हैलाइड की सोडियम ऐल्कॉक्साइड के साथ अभिक्रिया कराई जाती है।

प्रतिस्थापित (द्वितीयक अथवा तृतीयक) ऐल्किल समूह युक्त ईथर भी इस विधि द्वारा बनाए जा सकते हैं। इस अभिक्रिया में प्राथमिक ऐल्किल हैलाइड पर ऐल्कॉक्साइड आयन का (SN 2) आक्रमण होता है।
यदि ऐल्किल हैलाइड प्राथमिक होता है तो अच्छे परिणाम प्राप्त होते हैं। द्वितीयक एवं तृतीयक ऐल्किल हैलाइडों की अभिक्रिया में विलोपन, प्रतिस्पर्धा में प्रतिस्थापन से आगे होता है। यदि तृतीयक ऐल्किल हैलाइड का उपयोग किया जाए तो उत्पाद के रूप में केवल ऐल्कीन प्राप्त होती है तथा कोई ईथर नहीं बनता। उदाहरणार्थ– CH3ONa की (CH3)3C-BFके साथ अभिक्रिया द्वारा केवल 2-मेथिलप्रोपीन प्राप्त होती है।
4. असममित ईथर (Unsymmetricalethers) – यदि ऑक्सीजन परमाणु से जुड़े ऐल्किल या ऐरिल समूह भिन्न-भिन्न होते हैं तो ईथर को असममित ईथर कहा जाता है। उदाहरणार्थएथिल मेथिल ईथर, मेथिल फेनिल ईथर आदि।

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