Question -
Answer -
(i) ऐनिलीन, मेथिलऐमीन से अधिक दुर्बल क्षार होती है। ऐनिलीन में N – परमाणु पर एकाकी युग्म इलेक्ट्रॉन बेन्जीन वलय पर विस्थानीकृत हो जाता है जिसके परिणामस्वरूप नाइट्रोजन पर इलेक्ट्रॉन घनत्व घट जाता है। दूसरी ओर, मेथिलऐमीन में CH3 समूह के + I प्रभाव के कारण N-परमाणु पर इलेक्ट्रॉन घनत्व बढ़ जाता है। अत: ऐनिलीन मेथिलऐमीन से दुर्बल क्षार होता है, अत: इसका pKb, मान मेथिलऐमीन से उच्च होता है।
(ii) एथिलऐमीन जल के अणुओं के साथ हाइड्रोजन आबन्ध बनाने के कारण जल में विलेय होती है।
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दूसरी ओर, ऐनिलीन जल में वृहत् हाइड्रोकार्बन भाग C6 H5 के कारण अविलेय होता है, क्योंकि यह हाइड्रोजन आबन्ध नहीं बनाता है।
(iii) मेथिलऐमीन जल से अधिक क्षारीय होने के कारण जल से प्रोटॉन ग्रहण करके OH– आयन मुक्त करती है।
ये OH– आयन जल में उपस्थित Fe3+ आयनों से संयुक्त होकर जलयोजित फेरिक ऑक्साइड का भूरा अवक्षेप देती हैं।
(iv) नाइट्रीकरण की प्रक्रिया सान्द्र HNO3 तथा सान्द्र H2SO4 के मिश्रण की उपस्थिति में होती है। इन अम्लों की उपस्थिति में अधिकांश ऐनिलीन प्रोटॉनीकृत होकर ऐनिलीनियम आयन बनाती है। अतः । अम्लों की उपस्थिती में अभिक्रिया मिश्रण में ऐनिलीन और ऐनिलीनियम आयन होते हैं -NH2, समूह ऐनिलीन में ऑर्थों तथा पैरा निर्देशक होता है तथा सक्रियक (dactivating) होता है, जबकि ऐनिलीनियम आयन में समूह मेटा निर्देशक तथा निष्क्रियकारक होता है। ऐनिलीन के नाइट्रीकरण से p-नाइट्रोऐनिलीन प्राप्त होती है, जबकि ऐनिलीनियम आयन मेटा नाइट्रोऐनिलीन देता है।
अतः ऐनिलीन का नाइट्रीकरण ऐमीनो समूह के प्रोटॉनीकरण द्वारा m – नाइट्रोऐनिलीन देता है।
(v) ऐल्किलीकरण तथा ऐसिलीकरण की तरह ऐनिलीन फ्रीडल-क्राफ्ट्स अभिक्रिया नहीं देती है क्योंकि यह एलुमिनियम क्लोराइड जो कि उत्प्रेरक के रूप में प्रयुक्त होता है (लुईस अम्ल) के साथ लवण बनाती है। इस नाइट्रोजन परमाणु के कारण ऐनिलीन -NH2, समूह के नाइट्रोजन परमाणु पर धनावेश आ जाता है अतः यह पुनः अभिक्रिया के लिए प्रबल निष्क्रियकारक समूह का कार्य करता है।
(vi) ऐरोमैटिक ऐमीनों के डाइऐजोनियम लवण ऐलिफैटिक ऐमीनों के लवणों से अधिक स्थायी होते हैं। क्योंकि निम्न ताप पर ऐलिफैटिक ऐमीनों के डाइऐजोनियम लवण वियोजित होकर नाइट्रोजन गैस देते हैं।
(vii) गैब्रिएल थैलिमाइड अभिक्रिया से शुद्ध प्राथमिक ऐमीन प्राप्त होती है। अतएव, इसका प्रयोग प्राथमिक ऐमीनों के संश्लेषण में किया जाता है।