Question -
Answer -
दोनों अभिक्रियाएँ इस प्रकार हैं –
Al + O2 → Al2O3 ;Δf G– Al, Al2O3 …(i)
2Mg + O2 → 2MgO ; Δf G– Mg,MgO
एलिंघम आरेख द्वारा स्पष्टीकरण – कुछ ऑक्साइडों के विरचन में AG° तथा T के एलिंघम आरेख निम्नवत् हैं –
उपर्युक्त आरेख से स्पष्ट है कि 1665 K से नीचे तापमान पर Al2O3 का Δf G– मान MgO की तुलना में कम ऋणात्मक है। अतः जब समीकरण
- को समीकरण
- में से घटाया जाता है तो संयुक्त रेडॉक्स अभिक्रियाओं अर्थात् समीकरण
- का Δf G– ऋणात्मक होता है।
2Mg + Al2O3 →2MgO + Al; Δf G– = – ve …(iii)इस प्रकार 1665 K से नीचे तापमान पर Mg, Al2O3 को Al में अपचयित कर सकता है। 1665 K से अधिक तापमान पर Al2O3 का Δf G– मान MgO की तुलना में अधिक ऋणात्मक होता है। इसलिए जब समीकरण (ii) को समीकरण (i) में से घटाया जाता है तो संयुक्त रेडॉक्स अभिक्रिया अर्थात् समीकरण (iv) का Δf G– ऋणात्मक होता है।
Al+ 2 MgO→ Al2O3 +2Mg ; Δf G– = – Ve …(iv)
अत: 1665 K से अधिक तापमान पर Al, MgO को Mg में अपचयित कर सकता है।