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Question -

सावधानीपूर्वक उत्तर दीजिए :

  1. दो बड़े चालक गोले जिन पर आवेश Q1 और Q2 हैं, एक-दूसरे के समीप लाए जाते हैं। क्या इनके बीच स्थिर विद्युत बल का परिमाण तथ्यत:

    द्वारा दर्शाया जाता है, जहाँ r इनके केन्द्रों के बीच की दूरी है।
  2. यदि कूलॉम के नियम में निर्भरता का समावेश (के स्थान पर) हो तो क्या गाउस का नियम अभी भी सत्य होगा?
  3. स्थिरविद्युत-क्षेत्र विन्यास में एक छोटा परीक्षण आवेश किसी बिन्दु पर विराम में छोड़ा जाता है। क्या यह उस बिन्दु से होकर जाने वाली क्षेत्र रेखा के अनुदिश चलेगा?
  4. इलेक्ट्रॉन द्वारा एक वृत्तीय कक्षा पूरी करने में नाभिक के क्षेत्र द्वारा कितना कार्य किया जाता है? यदि कक्षा दीर्घवृत्ताकार हो तो क्या होगा?
  5. हमें ज्ञात है कि एक आवेशित चालक के पृष्ठ के आर-पार विद्युत-क्षेत्र असंतत होता है। क्या वहाँ विद्युत विभव भी असंतत होगा?
  6. किसी एकल चालक की धारिता से आपका क्या अभिप्राय है?
  7. एक सम्भावित उत्तर की कल्पना कीजिए कि पानी का परावैद्युतांक (= 80), अभ्रक के परावैद्युतांक (= 6) से अधिक क्यों होता है?



Answer -

  1. यदि दोनों गोले एक-दूसरे से बहुत अधिक दूरी पर होंगे तभी वे बिन्दं आवेशों की भाँति कार्य करेंगे। कूलॉम का नियम केवल बिन्दु आवेशों के लिए सत्य है; अत: गोलों को समीप लाने पर कूलॉम का नियम लागू नहीं होगा।
  2. नहीं, गाउस का नियम केवल तभी तक सत्य है जब तक कि कूलॉम के नियम में निर्भरता अतः कूलॉम के नियम में निर्भरता () होने पर गाउस का नियम लागू नहीं होगा।
  3. नहीं, यदि क्षेत्र रेखा एक सरल रेखा है, केवल तभी परीक्षण आवेश क्षेत्र रेखा के अनुदिश चलेगा।
  4. शून्य, स्थिर विद्युत क्षेत्र में बिन्दु आवेश के बन्द वक्र पर चलाने में किया गया कार्य शून्य होता है। यदि वक्र दीर्घवृत्ताकार है तो भी कार्य शून्य होगा।
  5. नहीं, चालक की पूरी सतह पर विद्युत विभव सतत होता है।
  6. एकल चालक की धारिता एक ऐसे संधारित्र की धारिता है, जिसकी दूसरी प्लेट अनन्त पर है।
7  जल के अणुओं का अपना स्थायी द्विध्रुव आघूर्ण होता है; अत: जल का परावैद्युतांक उच्च होता है, इसके विपरीत अभ्रक के अणुओं का द्विध्रुव आघूर्ण शून्य होता है; अत: इसका परावैद्युतांक निम्न होता है।

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