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Question -

प्रश्न 8 में दिए गए संधारित्र की पट्टिकाओं के बीच यदि 3 mm मोटी अभ्रक की एक शीट (पत्तर) (परावैद्युतांक = 6) रख दी जाती है तो स्पष्ट कीजिए कि क्या होगा जब
(a) विभव (वोल्टेज) संभरण जुड़ा ही रहेगा।
(b) संभरण को हटा लिया जाएगा?



Answer -

प्रश्न 8 के परिणाम से,
V = 100
वोल्ट,
q = 18 x 10-10 C
अब माध्यम का परावैद्युतांक K= 6
परावैद्युत की मोटाई t= 3 mm = 3 x 10-3 m
t = d;
अत: संधारित्र पूर्णतः परावैद्युत द्वारा भरा है।
संधारित्र की नई धारिता C= KC0 = 6 x 18 pF [C0 = 18 pF]
= 108 pF
(a)
विभव संभरण जुड़ा हुआ है; अत: संधारित्र का विभवान्तर नियत अर्थात्100 वोल्ट रहेगा।
संधारित्र पर नया आवेश q= CV = 108 x 10-12 x 100
= 1.08 x 10-8 C
अतः इस स्थिति में, C= 108 pF, V = 100 V, q = 1.08 x 10-8 C
(b)
विभव संभरण हटा लिया गया है; अत: संधारित्र पर आवेश q= 18 x 10-10 C नियत रहेगा।

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