The Total solution for NCERT class 6-12
निम्न का उत्तर दीजिए:(a) पृथ्वी के पृष्ठ के सापेक्ष वायुमण्डले की ऊपर परत लगभग 400 kV पर है, जिसके संगत विद्युत-क्षेत्र ऊँचाई बढ़ने के साथ कम होता है। पृथ्वी के पृष्ठ के सापेक्ष विद्युत-क्षेत्र लगभग 100 Vm-1 है। तब फिर जब हम घर से बाहर खुले में जाते हैं तो हमें विद्युत आघात क्यों नहीं लगता? (घर को लोहे का पिंजरा मान लीजिए; अतः उसके अन्दर कोई विद्युत-क्षेत्र नहीं है।)
(b) एक व्यक्ति शाम के समय अपने घर के बाहर 2 m ऊँचा अवरोधी पट्ट रखता है जिसके शिखर पर एक 1 m क्षेत्रफल की बड़ी ऐलुमिनियम की चादर है। अगली सुबह वह यदि धातु की चादर को छूता है तो क्या उसे विद्युत आघात लगेगा?
(c) वायु की थोड़ी-सी चालकता के कारण सारे संसार में औसतन वायुमण्डल में विसर्जन धारा 1800 A मानी जाती है। तब यथासमय वातावरण स्वयं पूर्णतः निरावेशित होकर विद्युत उदासीन क्यों नहीं हो जाता? दूसरे शब्दों में, वातावरण को कौन आवेशित रखता है?
(a) हमारा शरीर तथा पृथ्वी के समान विभव पर रहने के कारण हमारे शरीर से होकर कोई विद्युत धारा प्रवाहित नहीं होती इसीलिए हमें कोई विद्युत आघात नहीं लगता।
(b) हाँ, पृथ्वी तथा ऐलुमिनियम की चादर मिलकर एक संधारित्र बनाती हैं तथा अवरोधी पट्ट परावैद्युत का कार्य करती है। ऐलुमिनियम की चादर वायुमण्डलीय आवेश के लगातार गिरते रहने से आवेशित होती रहती है और उच्च विभव प्राप्त कर लेती है; अतः जब व्यक्ति इस चादर को छूता है तो उसके शरीर से होकर एक विद्युत धारा प्रवाहित होती है और इस कारण उस व्यक्ति को विद्युत आघात लगेगा।
(c) यद्यपि वायुमण्डल 1800 A की औसत विसर्जन धारा के कारण लगातार निरावेशित होता रहता है। परन्तु साथ ही तड़ित तथा झंझावात के कारण यह लगातार आवेशित भी होता रहता है और इन दोनों के बीच एक सन्तुलन बना रहता है जिससे कि वायुमण्डल कभी भी पूर्णत: निरावेशित नहीं हो पाता।
(d) तड़ित के दौरान वातावरण की विद्युत ऊर्जा, प्रकाश ऊर्जा, ध्वनि ऊर्जा तथा ऊष्मीय ऊर्जा के रूप में क्षयित होती है।