The Total solution for NCERT class 6-12
Answer - 11 : -
Answer - 12 : -
Answer - 13 : -
(a) कुंडली में फेरे N = 30, त्रिज्या r = 8.0x 10-2 m, i = 6.0 Aचुम्बकीय क्षेत्र B = 1.0 T, θ = 60°कुंडली पर चुम्बकीय क्षेत्र के कारण बल-युग्म का आघूर्णτ = NiAB sin 60° = Ni (πr²) B sin 60°= 30 x 6.0 x (314 x 64.0 x 10-4) x 1.0 x =3.13 N-m
स्पष्ट है कि कुंडली को घूमने से रोकने के लिए 3.13 N-m का बल-आघूर्ण विपरीत दिशा में लगाना होगा।(b) नहीं, उत्तर में कोई परिवर्तन नहीं होगा। इसका कारण यह है कि बल-आघूर्ण (τ = NiAB sin θ) कुंडली के क्षेत्रफल A पर निर्भर करता है न कि उसके आकार पर।
Answer - 14 : -
Answer - 15 : - माना परिनालिका की एकांक लम्बाई में फेरों की संख्या n तथा उसमें प्रवाहित धारा 1 है तब उसकी अक्ष पर केन्द्रीय भाग में
अतः परिनालिका का विवरण निम्नलिखित है :लम्बाई l = 50 cm लगभग, फेरों की संख्या N = nl = 800 x 0.5 = 400 लगभगत्रिज्या r = 3 cm लगभग, धारा i = 10 A
Answer - 16 : -
Answer - 17 : - दिया है, आन्तरिक त्रज्या r1 =0.25 m, बाह्य त्रिज्या r2 =0.26 mफेरों की संख्या N= 3500, धारा i= 11 A(i) टोरॉइड के बाहर चुम्बकीय क्षेत्र B= 0
(iii) टोरॉइड द्वारा घेरे गए रिक्त स्थान में चुम्बकीय क्षेत्र B = 0
Answer - 18 : -
Answer - 19 : -
Answer - 20 : -