The Total solution for NCERT class 6-12
Answer - 21 : - दिए गए बिन्दु आवेश एक विद्युत द्विध्रुव बनाते हैं।आवेशों के बीच की दूरी = 2a
Answer - 22 : - माना P की विभिन्न आवेशों से दूरियाँ निम्नलिखित हैं-r – a, r, r + aचतुर्भुवी होने के कारण बिन्दु P पर विद्युत विभव
Answer - 23 : - माना हम प्रत्येक पंक्ति में n संधारित्र जोड़ते हैं तथा ऐसी m पंक्तियों को समान्तर क्रम में जोड़ते हैं।श्रेणीक्रम में, 1 kV = 1000 V को विभवान्तर n संधारित्रों में बराबर बँट जाएगा।प्रत्येक संधारित्र पर विभवान्तर =
हमें 3-3 संधारित्रों को श्रेणीक्रम में जोड़कर इस प्रकार की 6 पंक्तियाँ बनानी होंगी। अब इन 6 पंक्तियों को समान्तर क्रम में जोड़ना होगा।
Answer - 24 : -
Answer - 25 : - दिए गए नेटवर्क को संलग्न चित्र 2.16 की भाँति व्यवस्थित किया जा सकता है-सर्वप्रथम C2 व C3 श्रेणीक्रम में जुड़े हैं, इनकी तुल्य धारिता
C1 का विभवान्तर = 100 V तथा आवेश = 10-8 CC2 का विभवान्तर = 50 V तथा आवेश = 10-8 CC3 का विभवान्तर = 50 V तथा आवेश = 10-8 CC4 का विभवान्तर = 200 V तथा आवेश = 2 x 10-8 C
Answer - 26 : -
Answer - 27 : - दिया है, C1 = 4 x10-6 F, V1 = 200 V, C2 = 2 x 10-6 F,V2 = 0 Vमाना जोड़ने के पश्चात् दोनों का उभयनिष्ठ विभव V है।जोड़ने से पूर्व संभरण को हटा लिया गया है; अतः कुल आवेश स्थिर रहेगा।
Answer - 28 : - माना दोनों पट्टिकाओं के बीच लगने वाला पारस्परिक आकर्षण बल F है तथा प्लेटों के बीच की दूरी है। दूरी x में dx की वृद्धि करने पर आकर्षण बल F के विरुद्ध कृत कार्यdW = F dx …..(i)प्लेटों के बीच विद्युत-क्षेत्र E है; अत: संधारित्र के एकांक आयतन में संचित ऊर्जा
Answer - 29 : - गोलीय अथवा गोलाकार संधारित्र की धारिता (Capacitance of SphericalCapacitor) का व्यंजक-माना गोलीय संधारित्र धातु के दो समकेन्द्रीय खोखले गोलों A व B का बना है, जो एक-दूसरे को कहीं भी स्पर्श नहीं करते (चित्र 2.17)। जब गोले A को-q आवेश दिया जाता है तो प्रेरण द्वारा गोले B पर +q आवेश उत्पन्न हो जाता है। चूंकि गोले B का बाहरी तल पृथ्वी से जुड़ा है; अतः गोले B के बाहरी तल पर उत्पन्न -q आवेश पृथ्वी से आने वाले इलेक्ट्रॉनों से निरावेशित हो जाता है। इस प्रकार गोले B के आन्तरिक पृष्ठ पर +q आवेश रह जाता है। माना गोले A की त्रिज्या r2 तथा गोले B की त्रिज्या b है।
Answer - 30 : - दिया है, r1 = 13cm = 0.13 m, r2 = 0.12 m, K = 32, Q = 2.5 x 10-6 C(a) गोलीय संधारित्र की धारिता
अर्थात् गोलीय संधारित्र की धारिता एकल गोले की धारिता से 416 गुनी अधिक है। इससे यह निष्कर्ष प्राप्त होता है कि एकल चालक के समीप एक अन्य भू-सम्पर्कित चालक रखकर उनके बीच के स्थान में परावैद्युत भरने से धारिता बहुत अधिक बढ़ जाती है।