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Chapter 14 अर्द्धचालक इलेक्ट्रॉनिकी Solutions

Question - 11 : - कोई p-n फोटोडायोड 2.8eV बैंड अन्तराल वाले अर्द्धचालक से संविरचित है। क्या यह 6000 nm की तरंगदैर्ध्य का संसूचन कर सकता है?

Answer - 11 : - λ = 6000 nm = 6000 x 10-9 मी तरंगदैर्घ्य के संगत फोटॉन की ऊर्जा

= 3.3 x 10-20 जूल
= (3.3 x 10-20 1.6 x 10-19) eV
≈ 0.2 eV
यह फोटॉन ऊर्जा (0.2 eV) बैण्ड रिक्ति (28eV) से काफी कम है। अतः फोटो डायोड दी गयी तरंगदैर्घ्य का संसूचन नहीं कैर सकता है।

Question - 12 : - सिलिकॉन परमाणुओं की संख्या 5 x 1028 प्रति m3 है। यह साथ ही साथ आर्सेनिक के 5 x 1022 परमाणु प्रति m3 और इंडियम के 5 x 1020 परमाणु प्रति m3 से अपमिश्रित किया गया है। इलेक्ट्रॉन और होल की संख्या का परिकलन कीजिए। दिया है ni = 1.5 x1016 m-3 दिया गया पदार्थ n-प्रकार का है या p-प्रकार का?

Answer - 12 : -

यहाँ दाता परमाणुओं की सान्द्रता ND = 5x 1022 m-3
ग्राही परमाणुओं की सान्द्रत NA = 5 x 1020 m-3
= 0.05 x 1022 m-3
नैज वाहक सान्द्रता ni = 1.5 x 1016 m-3
नैज परमाणु सान्द्रता N = 5 x 1028 m-3
माना अर्द्धचालक में होलों तथा मुक्त इलेक्ट्रॉनों की सान्द्रता क्रमशः nh तथा ne है।
अब ND – NA = (5 –0.05) x 1022 = 4.95 x 1042 m-3
अर्द्धचालक की विद्युत उदासीनता के लिए

स्पष्टहैकिne >> nh अतः इसअर्द्धचालक मेंइलेक्ट्रॉन बहुसंख्यक आवेशवाहकहैंतथाहोलअल्पसंख्यक आवेशवाहकहैं।
इससेज्ञातहोताहैकियहn-प्रकारकाअर्द्धचालक है।

Question - 13 : - किसी नैज अर्द्धचालक में ऊर्जा अन्तराल Eg का मान 1.2 eV है। इसकी होल गतिशीलता इलेक्ट्रॉन गतिशीलता की तुलना में काफी कम है तथा ताप पर निर्भर नहीं है। इसकी 600 K तथा 300 K पर चालकताओं का क्या अनुपात है? यह मानिए की नैज वाहक सान्द्रता n की ताप निर्भरता इस प्रकार व्यक्त होती है
जहाँ n0 एक स्थिरांक है।

Answer - 13 : - नैज अर्द्धचालक को ऊर्जा अन्तराल E = 1.2 eV
तथा परमताप T1 = 600K T2 = 300K
माना उक्त तापों पर अर्द्धचालक की चालकताएँ क्रमशः σ1 वे σ2
अर्द्धचालक की चालकता निम्नलिखित सूत्र द्वारा प्राप्त होती है
σ = [neμe + nhμh}]
जहाँ μe तथा  μh क्रमशः इलेक्ट्रॉनों तथा होलों की गतिशीलताएँ हैं।

Question - 14 : - किसीp-n सन्धि डायोड में धारी I को इस प्रकार व्यक्त किया जा सकता है
जहाँ I0 को उत्क्रमित संतृप्त धारा कहते हैं, V डायोड के सिरों पर वोल्टता है तथा यह अग्रदिशिक बायस के लिए धनात्मक तथा पश्चदिशिक बायस के लिए ऋणात्मक है। V डायोड से प्रवाहित धारा है, KB बोल्ट्जमान नियतांक (8.6 x 10-5 eV/K)है तथा T परम ताप है। यदि किसी दिए गए डायोड के लिए I0 = 5 x10-12 A तथा T=300K है, तब
(a) 0.6
अग्रदिशिक वोल्टता के लिए अग्रदिशिक धारा क्या होगी?
(b)
यदि डायोड के सिरों पर वोल्टता को बढ़ाकर 0.7V कर दें तो धारा में कितनी वृ जाएगी?
(c)
गतिक प्रतिरोध कितना है?
(d)
यदि पश्चदिशिक वोल्टता को 1 से 2V कर दें तो धारा का मान क्या होगा?

Answer - 14 : - दिया है, KB = 8.6x 10-5 eCK-1 = 1.6 x 10-19 x 86x 10-5 JK-1
I0 = 5 x 10-12A, T = 300K
(a) V= + 0.6V
के लिए अग्र धारा I = ?
अभीष्ट धारा

अतः उत्क्रम वोल्टता के लिए धारा उत्क्रमित संतृप्त धारा के बराबर बनी रहती है।
इससे ज्ञात होता है कि पश्चदिशिक बायस के लिए डायोड का गतिक प्रतिरोध अनन्त होता है।

Question - 15 : - आपको चित्र 14.1 में दो परिपथ दिए गए हैं। यह दर्शाइए कि परिपथ (a) OR गेट की भाँति व्यवहार करता है जबकि परिपथ (b) AND गेट की भाँति कार्य करता है।

Answer - 15 : - चित्र 14.1(a) में पहला गेट NOR गेट है तथा इसके निर्गम ४’ को दूसरे गेट (NOT गेट) का निवेश बनाया गया है जिसका निर्गम Y है। अतः इसकी सत्यता सारणी निम्न प्रकार लिखी जा सकती है

यहाँ से स्पष्ट है Y = A + B
अतः दिया गया परिपथ (a) OR गेट की भाँति कार्य करेगा।
चित्र 14.1 (b) में दो NOT गेटों के निर्गमों को NOR गेट के निवेश बनाये गये हैं जिसका निर्गम Y है। अतः इसकी सत्यता सारणी निम्न प्रकार लिखी जा सकती है

यहाँ से स्पष्ट है कि Y = A : B, अत: दिया गया परिपथ (b) AND गेट की भाँति कार्य करेगा।

Question - 16 : - नीचे दिए गए चित्र 14.2 में संयोजित NAND गेट संयोजित परिपथ की सत्यमान सारणी बनाइए।
अतः इस परिपथ द्वारा की जाने वाली यथार्थ तर्क संक्रिया का अभिनिर्धारण कीजिए।

Answer - 16 : - यहाँ NAND गेट के दोनों निवेशी टर्मिनल एक साथ जोड़ दिये गये हैं। इस प्रकार एक निवेश के लिए एक ही निर्गम Y है। अतः दिए गये परिपथ की सत्यता सारणी निम्न प्रकार लिखी जा सकती है

अत: Y = Ā इसलिए दिया गया परिपथ NOT तर्क संक्रिया पर कार्य करेगा।

Question - 17 : - आपको निम्न चित्र 14.3 में दर्शाए अनुसार परिपथ दिए गए हैं जिनमें NAND गेट जुड़े हैं। इन दोनों परिपथों द्वारा की जाने वाली तर्क संक्रियाओं का अभिनिर्धारण कीजिए।

Answer - 17 : - चित्र 14.3 (a) में पहला गेट NAND गेट है जिसके निर्गम को NAND गेट से बनाये गये NOT गेट का निर्वेशं बनाया गया है। अतः सत्यता सारणी निम्नवत् होगी

स्पष्ट है कि निर्गम Y = A : B, अतः दिये गये परिपथ में AND संक्रिया अनुपालित है।
दिये गये चित्र 14.3 (b) में NAND गेटों से बने दो NOT गेटों के निर्गमों को तीसरे NAND गेट का निवेश बनाया गया है। जिसका निर्गम Y है। अतः सत्यता सारणी निम्नवत् होगी
अतः स्पष्ट है कि यहाँ निर्गम Y = A+ B, अत: दिये गये परिपथ में OR संक्रिया अनुपालित है।

Question - 18 : - चित्र 14.4 में दिए गए NOR गेट युक्त परिपथ की सत्यमान सारणी लिखिए और इस परिपथ द्वारा अनुपालित तर्क संक्रियाओं (OR, AND, NOT) को अभिनिर्धारित कीजिए। (संकेत : A = 0, B=1 तब दूसरे NOR गेट के निवेश A और B, 0 होंगे और इस प्रकार Y = 1 होगा। इसी प्रकार A और B के दूसरे संयोजनों के लिएY के मान प्राप्त कीजिए। OR, AND, NOT द्वारों की सत्यमान सारणी से तुलना कीजिए और सही विकल्प प्राप्त कीजिए।)

Answer - 18 : - पहला गेट NOR गेट है तथा दूसरा गेट भी NOR गेट है जिसके दोनों निवेशी सिगनलों को एक साथा जोड़ा गया है। पहले गेट का निर्गम दूसरे गेट का निवेश बनाया गया है। अत: सत्यता सारणी निम्नवत् होगी

यहाँ से स्पष्ट है कि Y = = A+B, अतः दिया गया परिपथ OR संक्रिया अनुपालित करेगा।

Question - 19 : - चित्र 14.5 में दर्शाएंगैकवल NOR गेटों से बने परिपथ की सत्यमान सारणी बनाइए। दोनों परिपथों द्वारा अनुपालित तर्क संक्रियाओं (OR, AND, NOT) को अभिनिर्धारित कीजिए।

Answer - 19 : -

चित्र 14.5 (a) में दिया गया परिपथ NOR गेट है जिसके दोनों निवेशी टर्मिनले एक साथ जोड़ दिये गए हैं।
अत: इसकी सत्यता सारणी निम्नवत् होगी
स्पष्ट है कि Y =  = Ā, अत: दिया गया परिपथ NOT संक्रिया को निरूपित करता है। चित्र 14.5 (b) में NOR गेट से बने दो NOT गेटों द्वारा दोनों निवेशी A व B को उत्क्रम करके उनको तीसरे NOR गेट के निवेश बनाया गया है जिसका निर्गम Y है। अतः सत्यता सारणी निम्नवत् होगी
यहाँ से स्पष्ट है कि Y =  = A .B, अतः चित्र 14.5 (b) में प्रदर्शित परिपथ AND संक्रिया का अनुपालन करेगा।

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