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Chapter 1 वैद्युत आवेश तथा क्षेत्र (Electric Charges and Fields) Solutions

Question - 11 : - ऊन से रगड़े जाने पर कोई पॉलीथीन का टुकड़ा 3x 10-7 C के ऋणावेश से आवेशित पाया गया।
(a)
स्थानान्तरित (किस पदार्थ से किस पदार्थ में) इलेक्ट्रॉनों की संख्या आकलित कीजिए।
(b)
क्या ऊन से पॉलीथीन में संहति का स्थानान्तरण भी होता है?

Answer - 11 : -

(b) हाँ, ऊन से पॉलीथीन पर द्रव्यमान का स्थानान्तरण होता है क्योंकि इलेक्ट्रॉन, जो द्रव्य कण हैं, ऊन से पॉलीथीन पर विस्थापित होते हैं।
m =
प्रत्येक इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान = 9.1 x 10-31 kg,
n = 1.875 x 1012
पॉलीथीन पर स्थानान्तरित कुल द्रव्यमान M = m x n = 91 x 10-31 kg x 1.875 x 1012 =1.71 x 1018 kg

Question - 12 : - (a) दो विद्युतरोधी आवेशित ताँबे के गोलों A तथा B के केन्द्रों के बीच की दूरी 50cm है। यदि दोनों गोलों पर पृथक्-पृथक् आवेश6.5 x 10-7 C हैं तो इनमें पारस्परिक स्थिर विद्युत प्रतिकर्षण बल कितना है? गोलों के बीच की दूरी की तुलना में गोलों A तथा B की त्रिज्याएँ नगण्य हैं।
(b)
यदि प्रत्येक गोले पर आवेश की मात्रा दो गुनी तथा गोलों के बीच की दूरी आधी कर दी जाए तो प्रत्येक गोले पर कितना बल लगेगा?

Answer - 12 : -

Question - 13 : - मान लीजिए प्रश्न 12 में गोले A तथा B साइज में सर्वसम हैं तथा इसी साइज का कोई तीसरा अनावेशित गोला पहले तो पहले गोले के सम्पर्क, तत्पश्चात दूसरे गोले के सम्पर्क में लाकर, अन्त में दोनों से ही हटा लिया जाता है। अब A तथा B के बीच नया प्रतिकर्षण बल कितना है?

Answer - 13 : - माना प्रारम्भ में प्रत्येक गोले‘A’ ‘B’ पर अलग-अलग q आवेश है। (q= 6.5 x 10-7 C) माना तीसरा अनावेशित गोला C है।
गोले A C समान आकार के हैं; अतः परस्पर स्पर्श कराने पर ये कुल आवेश (qA +qC = q + 0) को आधा-आधा बाँट लेंगे।
हटाने के तत्पश्चात् दोनों पर आवेश

Question - 14 : - चित्र 1.4 में किसी एकसमान स्थिर विद्युत-क्षेत्र में तीन आवेशित कणों के पथचिह्न (tracks) दर्शाए गए हैं। तीनों आवेशों के चिह्न लिखिए। इनमें से किस कण का आवेश-संहति अनुपात () में अधिकतम है?

Answer - 14 : -

Question - 15 : - एकसमान विद्युत-क्षेत्र E= 3 x 103 iN/C पर विचार कीजिए।
(a)
इस क्षेत्र का 10cm भुजा के वर्ग के उस पाश्र्व से जिसका तल yaतल के समान्तर है, गुजरने वाला फ्लक्स क्या है?
(b)
इसी वर्ग से गुजरने वाला फ्लक्स कितना है यदि इसके तल का अभिलम्ब x-अक्ष से60° का कोण बनाता है?

Answer - 15 : -

Question - 16 : - प्रश्न 15 में दिए गए एकसमान विद्युत-क्षेत्र का 20 cm भुजा के किसी घन से (जो इस प्रकार अभिविन्यासित है कि उसके फलक निर्देशांक तलों के समान्तर हैं) कितना नेट फ्लक्स गुजरेगा?

Answer - 16 : -

एक घन के 6 फलक होंगे। इनमें से दो फलक y-z समतल के, दो z-x समतल के तथा दो x-y समतल के समान्तर होंगे।
विद्युत-क्षेत्र E = 3 x 10 i N/C x-अक्ष के अनुदिश है; अत: यह z-x तथा x-y समतलों के समान्तर फलकों के समान्तर होगा।
इन चारों फलकों से गुजरने वाला फ्लक्स शून्य होगा।
विद्युत-क्षेत्र एकसमान है; अतः y-z समतल के समान्तर फलकों में से जितना फ्लक्स एक फलक से अन्दर प्रविष्ट होगा उतनी ही फ्लक्स दूसरे फलक से बाहर आएगा। अतः घन से गुजरने वाला नेट फ्लक्स शून्य होगा।

Question - 17 : -
किसी काले बॉक्स के पृष्ठ पर विद्युत-क्षेत्र की सावधानीपूर्वक ली गई माप यह संकेत देती है। कि बॉक्स के पृष्ठ से गुजरने वाला नेट फ्लक्स 8.0 x 103 Nm2/C है।
(a) बॉक्स के भीतर नेट आवेश कितना है?
(b) यदि बॉक्स के पृष्ठ से नेट बहिर्मुखी फ्लक्स शून्य है तो क्या आप यह निष्कर्ष निकालेंगे कि बॉक्स के भीतर कोई आवेश नहीं है? क्यों, अथवा क्यों नहीं?

Answer - 17 : -

(b) यदि बॉक्स के पृष्ठ से नेट बहिर्मुखी वैद्युत फ्लक्स शून्य है, तो इससे यह निष्कर्ष नहीं निकलता कि बॉक्स के अन्दर कोई आवेश नहीं है। हो सकता है कि बॉक्स के अन्दर समान मात्रा में धनावेश तथा ऋणावेश दोनों उपस्थित हों, जो एक-दूसरे के प्रभाव को निरस्त कर देंगे अर्थात् बॉक्स के अन्दर नेट आवेश शून्य हो जाएगा और हमें ऐसा प्रतीत होगा कि बॉक्स के अन्दर कोई आवेश नहीं है।

Question - 18 : - चित्र 1.6 में दर्शाए अनुसार 10 cm भुजा के किसी वर्ग के केन्द्र से ठीक 5 cm ऊँचाई पर कोई +10 µC आवेश रखा है। इस वर्ग से गुजरने वाले विद्युत फ्लक्स का। परिमाण क्या है? [संकेत : वर्ग को 10 cm किनारे के किसी घन का एक फलक मानिए]

Answer - 18 : -

Question - 19 : - 2.0 µC का कोई बिन्दु आवेश किसी किनारे पर 9.0 cm किनारे वाले किसी घनीय गाउसीय पृष्ठ के केन्द्र पर स्थित है। पृष्ठ से गुजरने वाला नेट फ्लक्स क्या है?

Answer - 19 : -

Question - 20 : -
किसी बिन्द आवेश के कारण, उस बिन्दु को केन्द्र मानकर खींचे गए 10 cm त्रिज्या के गोलीय गाउसीय पृष्ठ पर विद्युत फ्लक्स- 1.0 x 103 Nm2/C
(a) यदि गाउसीय पृष्ठ की त्रिज्या दो गुनी कर दी जाए तो पृष्ठ से कितना फ्लक्स गुजरेगा?
(b) बिन्दु आवेश का मान क्या है?

Answer - 20 : - (a) बिन्दु आवेश के चारों ओर खींचे गए गोलीय गाउसीय पृष्ठ से गुजरने वाला वैद्युत फ्लक्स उसकी त्रिज्या पर निर्भर नहीं करता, अत: त्रिज्या दो गुनी करने पर भी उससे गुजरने वाला वैद्युत फ्लक्स-1.0 x 108 न्यूटन-मी2/कूलॉम ही रहेगा।

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