Question -
Answer -
रुधिर वर्गों की वंशागति (Inheritance of Blood Groups) मेण्डेल के नियमों के अनुसार होती है। इसकी वंशागति दो या अधिक तुलनात्मक लक्षणों वाले जीन्स (genes) अर्थात् ऐलील्स (alleles) पर निर्भर करती है।
रुधिर वर्गों को स्थापित करने वाले प्रतिजन (antigens) की उपस्थिति या अनुपस्थिति तीन जीन्स के कारण होती है। प्रतिजन A के लिए जीन Ia, प्रतिजन ‘B’ के लिए जीन ।b तथा दोनों प्रतिजन के अभाव के लिए जीन I° उत्तरदायी होते हैं। एक मनुष्य में इनमें से कोई एक या दो प्रकार के जीन्स गुणसूत्र जोड़े पर एक निश्चित स्थल (loci) पर स्थित होते हैं। जीन Ia तथा Ib क्रमशः I° पर प्रभावी होते हैं, जबकि जीना Ia तथा Ib में प्रभाविता का अभाव होता है अर्थात् ये सहप्रभावी (codominant) होते हैं। विभिन्न रुधिर वर्ग के व्यक्तियों के रुधिर वर्ग की जीनी संरचना निम्नांकित तालिका के अनुसार हो। सकती है –
उदाहरण – A तथा B रुधिर वर्ग वाले माता-पिता की सम्भावित सन्तानों के रुधिर वर्गों का जीनोटाइप (genotype) निम्नानुसार होगा –
‘O’ रुधिर वर्ग वाले शिशु के माता-पिता का जीनोटाइप Ia Io तथा Ib Io है। ‘AB’ रुधिर वर्ग वाले का जीनोटाइप Ia Ib, A रुधिर वर्ग वाले का Ia Io ‘B’ रुधिर वर्ग वाले का Ib Io और ‘O’ रुधिर वर्ग वाले का जीनोटाइप I° I° होगा।