The Total solution for NCERT class 6-12
लैंगिक जनन करने वाले जीवधारियों में प्रजनन के समय अर्द्धसूत्री विभाजन (meiosis) तथा युग्मकजनन (gametogenesis) प्रक्रियाएँ होती हैं। सामान्यतया लैंगिक जनन करने वाले जीव द्विगुणित (diploid) होते हैं। युग्मक निर्माण प्रक्रिया को युग्मकजनन (gametogenesis) कहते हैं। शुक्राणुओं के निर्माण को शुक्रजनन तथा अण्डाणुओं के निर्माण को अण्डजनन कहते हैं। इनका निर्माण क्रमशः नर तथा मादा जनदों (gonads) में होता है। युग्मकों में गुणसूत्रों की संख्या आधी रह जाती है, अर्थात् युग्मक अगुणित (haploid) होते हैं। युग्मकजनन प्रक्रिया अर्द्धसूत्री विभाजन द्वारा होती है। अतः युग्मकजनन तथा अर्द्धसूत्री विभाजन क्रियाएँ अन्तरसम्बन्धित (अन्तर्बद्ध) होती हैं। निषेचन के फलस्वरूप नर तथा मादा अगुणित युग्मक संयुग्मन द्वारा द्विगुणित युग्माणु (diploid zygote) बनाता है। द्विगुणित युग्माणु से भ्रूणीय परिवर्धन द्वारा नए जीव का विकास होता है।