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Question -

निम्नलिखित के बारे में संक्षेप में चर्चा करें –
(क) रेडियो सक्रिय अपशिष्ट
(ख) पुराने बेकार जहाज और ई- अपशिष्ट
(ग) नगरपालिका के ठोस अपशिष्ट



Answer -

(क) रेडियो सक्रिय अपशिष्ट (Radioactive Wastes) – न्यूक्लियर रिएक्टर से निकलने वाला विकिरण जीवों के लिए बेहद नुकसानदेह होता है क्योंकि इसके कारण अति उच्च दर से विकिरण उत्परिवर्तन होते हैं। न्यूक्लियर अपशिष्ट विकिरण की ज्यादा मात्रा घातक यानि जानलेवा होती है लेकिन कम मात्रा कई विकार उत्पन्न करती है। इसका सबसे अधिक बार-बार होने वाला विकार कैंसर है। इसलिए न्यूक्लियर अपशिष्ट अत्यन्त प्रभावकारी प्रदूषक है।
रेडियो सक्रिय अपशिष्ट का भण्डारण कवचित पात्रों में चट्टानों के नीचे लगभग 500 मीटर की गहराई में पृथ्वी में गाड़कर करना चाहिए। नाभिकीय संयन्त्रों से निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थों जिनमें विकिरण कम हो उसे सीवरेज में छोड़ा जा सकता है। अधिक विकिरण वाले अपशिष्टों का विशेष उपचार, संचय एवं निपटारा किया जाता है।
(ख) पुराने बेकार जहाज और ई-अपशिष्ट (Defunct Ships and E-Wastes) – पुराने बेकार जहाज एक प्रकार के ठोस अपशिष्ट हैं जिनका उचित निपटारा आवश्यक है। विकासशील देशों में इसे तोड़कर धातु को अलग किया जाता है। इसमें सीसा, मरकरी (पारा), ऐस्बेस्टस, टिन आदि पाए जाते हैं जो हानिकारक होते हैं।
ऐसे कम्प्यूटर और इलेक्ट्रॉनिक सामान जो मरम्मत के लायक नहीं रह जाते हैं इलेक्ट्रॉनिक अपशिष्ट (E-wastes) कहलाते हैं। ई-अपशिष्ट को लैंडफिल्स में गाड़ दिया जाता है या जलाकर भस्म कर दिया जाता है। विकसित देशों में उत्पादित ई-अपशिष्ट का आधे से अधिक भाग विकासशील देशों, खासकर चीन, भारत तथा पाकिस्तान में निर्यात किया जाता है जिससे विकासशील देशों में इसकी समस्या बहुत बढ़ जाती है। इसमें मौजूद वैसे तत्त्व या धातु जिनका पुन:चक्रण किया जा सकता हो, जैसे-लोहा, निकेल, ताँबा आदि का पुन:चक्रण कर पुनः उपयोग किया जाना चाहिए। इस प्रक्रिया में विकसित देशों की तरह वैज्ञानिक तरीकों का उपयोग करना चाहिए ताकि, इससे जुड़े कर्मियों पर इनका हानिकारक प्रभाव कम-से-कम हो।
(ग) नगरपालिका के ठोस अपशिष्ट (Municipal Solid Wastes) – इसके अन्तर्गत घरों, कार्यालयों, भण्डारों, विद्यालयों आदि में रद्दी में फेंकी गई चीजें आती हैं जो नगरपालिका द्वारा इकट्ठी की जाती हैं और उनका निपटारा किया जाता है। इसमें आमतौर पर कागज, खाद्य अपशिष्ट, कॉच, धातु, रबर, चमड़ा, वस्त्र आदि होते हैं। इनको जलाने से अपशिष्ट के आयतन में कमी आती है। खुले में इसे फेंकने से यह चूहों और मक्खियों के लिए प्रजनन स्थल का कार्य करता है। इसका निपटारा सैनिटरी लैंडफिल्स के माध्यम से भी किया जाता है। इन लैंडफिल्स से रसायनों के रिसाव का खतरा है जिससे कि भौम जल संसाधन प्रदूषित हो जाते हैं। खासकर महानगरों में कचरा इतना अधिक होने लगता है कि ये स्थल भी भर जाते हैं। इन सब का मात्र एक हल है कि पर्यावरणीय मुद्दों के प्रति हम सभी को अधिक संवेदनशील होना चाहिए।

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