Question -
Answer -
जब कोई द्विगुणित जीन 6 स्थलों के लिए विषमयुग्मजी है अर्थात् किसी त्रिसंकर (tri-hybrid) में तुलनात्मक लक्षणों के तीन जोड़े जीन (कारक) होते हैं। प्रत्येक जोड़े लक्षण का विसंयोजन दूसरे जोड़े से स्वतन्त्र होता है तो द्विगुणित जीन 6 स्थलों के लिए विषमयुग्मजी होगा। जैसे लम्बे, पीले तथा गोल बीज वाले शुद्ध जनकों का संकरण, नाटे, हरे और झुरींदार बीज वाले पौधों से कराने पर F1 पीढ़ी में प्राप्त संकर लम्बे, गोल और पीले बीज वाले पौधों की विषमयुग्मजी जीन संरचना Tt Rr Yy होती है। इससे आठ प्रकार के युग्मक TRY, TRy, TrY, Try, tRY, tRy, trY, try बनते हैं। अर्थात् F1 पीढ़ी के सदस्यों के जीन युग्मक निर्माण के समय स्वतन्त्र होकर नए-नए संयोग बनाते हैं।