Question -
Answer -
आनुवंशिकी में टी०एच० मॉर्गन के योगदान निम्नवत् हैं –
1. मॉर्गन ने ड्रोसोफिला पर अपने प्रयोग द्वारा सिद्ध किया कि जीन, गुणसूत्र पर स्थित होते हैं।
2. मॉर्गन ने क्रिस-क्रॉस वंशागति की खोज की।
3. मॉर्गन व उनके साथियों ने गुणसूत्र पर स्थित जीन्स युग्मों के बीच पुनर्योजन की आवृत्ति को जीन्स के बीच की दूरी मानकर, आनुवंशिक मानचित्र की रचना की जो गुणसूत्रों पर जीन्स की स्थिति को दर्शाता है।
4. मॉर्गन ने जीन्स के उत्परिवर्तन की खोज की।
5. मॉर्गन ने विनिमय, सहलग्नता की खोज की।
6. उन्होंने सहलग्नता के गुणसूत्रीय सिद्धान्त का प्रतिपादन किया।
7. मॉर्गन ने अजनकीय जीन संयोजनों को पुनर्योजन (recombination) का नाम दिया था।