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Chapter 6 कार्य, ऊर्जा और शक्ति (Work Energy and Power) Solutions

Question - 11 : -
किसी पिण्ड पर नियत बल लगाकर उसे किसी निर्देशांक प्रणाली के अनुसार z – अक्ष के अनुदिश गति करने के लिए बाध्य किया गया है, जो इस प्रकार है –
 
जहाँ   ,  तथा  क्रमशः x , y एवं z – अक्षों के अनुदिश एकांक सदिश हैं। इस वस्तु को 2-अक्ष के अनुदिश 4 मी की दूरी तक गति कराने के लिए आरोपित बल द्वारा किया गया कार्य कितना होगा?

Answer - 11 : -


Question - 12 : - किसी अन्तरिक्ष किरण प्रयोग में एक इलेक्ट्रॉन और एक प्रोटॉन का संसूचन होता है जिसमें पहले कण की गतिज ऊर्जा 10 kev है और दूसरे कण की गतिज ऊर्जा 100 kev है। इनमें कौन-सा तीव्रगामी है, इलेक्ट्रॉन या प्रोटॉन? इनकी चालों को अनुपात ज्ञात कीजिए।

Answer - 12 : -


Question - 13 : - 2 मिमी त्रिज्या की वर्षा की कोई बूंद 500 मी की ऊँचाई से पृथ्वी पर गिरती है। यह अपनी आरम्भिक ऊँचाई के आधे हिस्से तक (वायु के श्यान प्रतिरोध के कारण) घटते त्वरण के साथ गिरती है और अपनी अधिकतम (सीमान्त) चाल प्राप्त कर लेती है, और उसके बाद एकसमान चाल से गति करती है। वर्षा की बूंद पर उसकी यात्रा के पहले व दूसरे अर्द्ध भागों में गुरुत्वीय बल द्वारा किया गया कार्य कितना होगा? यदि बूंद की चाल पृथ्वी तक पहुँचने पर 10 मी / से-1 हो तो सम्पूर्ण यात्रा में प्रतिरोधी बल द्वारा किया गया कार्य कितना होगा?

Answer - 13 : -


Question - 14 : - किसी गैस-पात्र में कोई अणु200 m s-1 की चाल से अभिलम्ब के साथ 30° का कोण बनाता हुआ क्षैतिज दीवार से टकराकर पुनः उसी चाल से वापस लौट जाता है। क्या इस संघट्ट में संवेग संरक्षित है? यह संघट्ट प्रत्यास्थ है या अप्रत्यास्थ?

Answer - 14 : -


Question - 15 : - किसी भवन के भूतल पर लगा कोई पम्प 30 m3 आयतन की पानी की टंकी को 15 मिनट में भर देता है। यदि टंकी पृथ्वी तल से 40 m ऊपर हो और पम्प की दक्षता 30% हो तो पम्प द्वारा कितनी विद्युत शक्ति का उपयोग किया गया?

Answer - 15 : -


Question - 16 : - दो समरूपी बॉल-बियरिंग एक-दूसरे के सम्पर्क में हैं और किसी घर्षणरहित मेज। पर विरामावस्था में हैं। इनके साथ समान द्रव्यमान का कोई दूसरा बॉल-बियरिंग, जो आरम्भ में y चाल से गतिमान है. सम्मुख संघट्ट करता है। यदि संघट्ट प्रत्यास्थ है तो संघट्ट के पश्चात् निम्नलिखित (चित्र-6.4) में से कौन-सा परिणाम सम्भव है?

Answer - 16 : -


केवल दशा (ii) में ही गतिज ऊर्जा संरक्षित रही है; अतः केवल यही परिणाम सम्भव है।

Question - 17 : - किसी लोलक के गोलक A को, जो ऊधर से 30° का कोण बनाता है, छोड़े जाने पर मेज पर, विरामावस्था में रखे दूसरे गोलक B से टकराता है जैसा कि चित्र-6.5 में प्रदर्शित है। ज्ञात कीजिए कि संघट्ट के पश्चात् गोलक A कितना ऊँचा उठता है? गोलकों के आकारों की उपेक्षा कीजिए और मान लीजिए कि संघट्ट प्रत्यास्थ है।

Answer - 17 : -

दोनों गोलक समरूप हैं तथा संघट्ट प्रत्यास्थ है; अतः संघट्ट के दौरान लटका हुआ गोलक अपना सम्पूर्ण संवेग नीचे रखे गोलक को दे देता है और जरा भी ऊपर नहीं उठता।

Question - 18 : - किसी लोलक के गोलक को क्षैतिज अवस्था से छोड़ा गया है। यदि लोलक की लम्बाई 1.5 m है तो निम्नतम बिन्दु पर आने पर गोलक की चाल क्या होगी? यह दिया गया है कि इसकी प्रारम्भिक ऊर्जा का 5% अंश वायु प्रतिरोध के विरुद्ध क्षय हो जाता है।

Answer - 18 : -


Question - 19 : - 300 kg द्रव्यमान की कोई ट्रॉली, 25 kg रेत का बोरा लिए हुए किसी घर्षणरहित पथ पर 27 km h-1 की एकसमान चाल से गतिमान है। कुछ समय पश्चात बोरे में किसी छिद्र से रेत 0.05 kg s-1 की दर से निकलकर ट्रॉली के फर्श पर रिसने लगती है। रेत का बोरा खाली होने के पश्चात् ट्रॉली की चाल क्या होगी?

Answer - 19 : - ट्रॉली तथा रेत का बोरा एक ही निकाय के अंग हैं जिस पर कोई बाह्य बल नहीं लगा है (एकसमान वेग के कारण); अत: निकाय का रैखिक संवेग नियत रहेगा भले ही निकाय में किसी भी प्रकार का आन्तरिक परिवर्तन (रेत ट्रॉली में ही गिर रहा है, बाहर नहीं) क्यों न हो जाए। अतः ट्रॉली की चाल 27 km h-1 ही बनी रहेगी।

Question - 20 : - 0.5 kg द्रव्यमान का एक कण = a x 3/2 वेग से सरल रेखीय मति करता है, जहाँ a = 5 m-1/2 s-1 है। x = 0 से x= 2m तक इसके विस्थापन में कुल बल द्वारा किया गया कार्य कितना होगा?

Answer - 20 : -


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