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Chapter 10 भारत और इसके पड़ोसी देशों के तुलनात्मक विकास अनुभव Solutions

Question - 1 : -
कुछ क्षेत्रीय और आर्थिक समूहों के उदाहरण दीजिए।

Answer - 1 : -

विश्व के लगभग सभी राष्ट्र 1960 के दशक से ही अपनी घरेलू अर्थव्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने के लिए अनेक क्षेघ्रीय एवं वैश्विक आर्थिक समूहों का निर्माण करते रहे हैं जैसे सार्क (SAARC), यूरोपीय संघ (EU), आसियान (ASEAN), जी-8 (G-8) तथा जी-20 (G-20) आदि।।

Question - 2 : -
वे विभिन्न साधन कौन-से हैं जिनकी सहायता से देश अपनी घरेलू अर्थव्यवस्थाओं को मजबूत करने का प्रयत्न कर रहे हैं ?

Answer - 2 : -

विभिन्न देश अपनी घरेलू अर्थव्यवस्थाओं को निम्न साधनों से मजबूत बनाने का प्रयत्न कर रहे हैं

  1. विभिन्न प्रकार के क्षेत्रीय एवं वैश्विक आर्थिक समूहों का निर्माण करके जैसे सार्क (SAARC), आसियान (ASEAN), जी-8 (G-8), यूरोपीय संघ (EU) आदि।।
  2. अपनी अर्थव्यवस्था में आर्थिक सुधारों को अपनाकर अर्थात् वैश्वीकरण की प्रक्रिया को अपनाकर।
  3. अपने पड़ोसी राष्ट्रों द्वारा अपनाई गई विकासात्मक प्रक्रियाओं को समझकर।
  4. अपने पड़ोसी देशों की शक्तियों एवं कमजोरियों को बेहतर ढंग से समझकर।
  5. वैश्वीकरण के प्रभावों का आकलन करके।

Question - 3 : -
वे समान विकासात्मक नीतियाँ कौन-सी हैं जिनका कि भारत और पाकिस्तान ने अपने-अपने विकासात्मक पथ के लिए पालन किया है?

Answer - 3 : -

भारत व पाकिस्तान द्वारा अपनाई गई समान विकासात्मक नीतियाँ जिनके द्वारा उन्होंने अपने विकासात्मक पथ के लिए पालन किया है, निम्नलिखित हैं|

  1. भारत और पाकिस्तान ने अपने विकास पथ पर लगभग एक ही समय चलना प्रारम्भ किया है।
  2. भारत ने 1951 ई० में अपनी प्रथम पंचवर्षीय योजना की घोषणा की जबकि पाकिस्तान ने 1956 में अपनी प्रथम पंचवर्षीय योजना की घोषणा की। इस प्रकार दोनों ही देशों ने विकास के लिए आर्थिक नियोजन का मार्ग अपनाया।
  3. दोनों ही देशों ने प्रारम्भ में सार्वजनिक क्षेत्र के विस्तार पर बल दिया किन्तु निजी क्षेत्र की भी उपेक्षा नहीं की। इस प्रकार दोनों ही देशों ने ‘मिश्रित अर्थव्यवस्था अपनाई।
  4. दोनों ही देशों ने अपने व्यय का अधिकांश ‘सामाजिक विकास पर किया अर्थात् दोनों ही देशों की प्राथमिकता सार्वजनिक विकास’ रही।
  5. दोनों ही देशों ने अपनी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने के लिए लगभग एक ही समय पर आर्थिक सुधार कार्यक्रम लागू किए।

Question - 4 : -
1958 में प्रारम्भ की गई चीन के ‘ग्रेट लीप फॉरवर्ड’ (महान प्रगति उछाल) अभियाष की व्याख्या कीजिए।

Answer - 4 : -

‘महान् प्रगति उछाल’ (Great Leap Forward: GLF) 1958 ई० में चीन में आरम्भ किया गया। इसका प्रमुख उद्देश्य बड़े पैमाने पर देश का औद्योगीकरण करना था। इस अभियान के अन्तर्गत सरकार ने एक ऐसी सामाजिक जागृति को प्रोत्साहित किया जिसके द्वारा लोग औद्योगीकरण (उद्योगों की स्थापना) की ओर आकर्षित हुए। इसके अन्तर्गत लोगों को अपने घरों के पिछवाड़े खाली स्थानों पर उद्योग लगाने को प्रोत्साहित किया गया। इस अभियान के प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित थे

  1. समष्टि स्तर पर औद्योगीकरण को प्रोत्साहित करना।
  2. लोगों को अपने घरों के पिछवाड़े, खाली स्थानों पर उद्योग लगाने को प्रोत्साहित करना।
  3. ग्रामीण क्षेत्रों में सामूहिक खेती’ (commune) को प्रोत्साहित करना।
‘लेप लीप फॉरवर्ड’ अभियान को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ा। इनमें प्रमुख समस्याएँ निम्नलिखित थीं

  1. भयंकर सूखे ने चीन में तबाही मचा दी। इसमें लगभग 3 करोड़ लोग मारे गए।
  2. रूस और चीन के मध्य संघर्ष हो गया और रूस ने अपने उन सभी विशेषज्ञों को वापस बुला लिया जिन्हें औद्योगीकरण की प्रक्रिया के लिए सहायता करने के लिए चीन भेजा गया था।

Question - 5 : -
“चीन की तीव्र औद्योगिक संवृद्धि 1978 में उसके सुधारों के आधार पर हुई थी। क्या आप | इस कथन से सहमत हैं? स्पष्ट कीजिए।

Answer - 5 : -

चीन में आर्थिक सुधार 1978 ई० से लागू किए गए। ये सुधार विभिन्न चरणों में शुरू किए गए। प्रारम्भिक चरण में कृषि, विदेशी व्यापार तथा निवेश क्षेत्रकों में सुधार किए गए। उदाहरण के लिए कृषि क्षेत्रक कम्यून (सामूहिक) भूमि को छोटे-छोटे भू-खण्डों में बाँट दिया गया जिन्हें कृषि प्रयोग के लिए अलग-अलग परिवारों को आवंटित किया गया। कर देने के बाद शेष आय के वे स्वयं स्वामी थे। दूसरे चरण में औद्योगिक क्षेत्र में सुधार किए गए। ग्रामीण उद्योगों की स्थापना के लिए निजी क्षेत्रक को प्रोत्साहित किया गया। इसके फलस्वरूप सार्वजनिक क्षेत्रक को निजी क्षेत्रक की प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ा। सुधार प्रक्रिया में ‘दोहरी कीमत निर्धारण पद्धति’ (Dual pricing policy) लागू की गई—

  1. सरकार द्वारा निर्धारित कीमत,
  2. बाजार द्वारा निर्धारित कीमत।।
आगतों और निर्गतों की एक निर्धारित मात्रा का क्रय-विक्रय सरकार द्वारा निर्धारित कीमतों पर किया जाता था जबकि शेष मात्रा का क्रय-विक्रय बाजार द्वारा निर्धारित कीमतों पर किया जाता था। विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए विशेष आर्थिक क्षेत्र’ (Special economic zones) स्थाषित किए गए। परिणामस्वरूप चीन की औद्योगिक संवृद्धि दर तेजी से बढ़ती गई।

Question - 6 : -
पाकिस्तान द्वारा अपने आर्थिक विकास के लिए की गई विकासात्मक पहलों का उल्लेख कीजिए।

Answer - 6 : -

पाकिस्तान द्वारा अपने आर्थिक विकास के लिए की गई विभिन्न विकासात्मक पहले निम्नलिखित हैं

  1. पाकिस्तान ने ‘मिश्रित अर्थव्यवस्था को अपनाया जिसमें सार्वजनिक व निजी क्षेत्रक मिलकर काम करते हैं। दोनों एक-दूसरे के पूरक होते हैं।
  2. 1950 और 1960 के दशकों में अन्त में पाकिस्तान ने अनेक प्रकार के नियन्त्रण लगाए
  3. औद्योगिक विकास के लिए आयात प्रतिस्थापन की नीति को अफ्नाया।।
  4. उपभोक्ता वस्तुओं के विनिर्माण को संरक्षण देने के लिए प्रशुल्क लगाए।
  5. प्रतिस्पर्धा आयातों पर आयात-नियन्त्रण लगाए।
  6. चुनिन्दा क्षेत्रों की आधारिक संरचना में सार्वजनिक निवेश में वृद्धि की।
  7. 1970 ई० के दशक में प्रमुख पूँजीगत वस्तुओं के उद्योगों का राष्ट्रीयकरण किया।
  8. कृषि क्षेत्र में हरित क्रान्ति को प्रोत्साहन दिया।
  9. 1970 और 1980 के दशकों के अन्त में अ-राष्ट्रीयकरण की नीति अपनाई और निजी क्षेत्रक को प्रोत्साहित किया।
  10. 1988 ई० में देश में आर्थिक सुधार लागू किए गए।

Question - 7 : -
चीन में ‘एक सन्तान नीति का महत्त्वपूर्ण निहितार्थ क्या है?

Answer - 7 : -

1970 ई० के दशक के अन्त में चीन में ‘एक सन्तान नीति लागू की गई थी। इस नीति के निम्नलिखित परिणाम सामने आए

  1. चीन में जनसंख्या वृद्धि की गति बहुत धीमी हो गई।
  2. चीन में लिंगानुपात (प्रति एक हजार पुरुषों में महिलाओं को अनुपात) में गिरावट आई।
  3.  यह अनुमान लगाया गया कि कुछ दशकों के बाद चीन में वयोवृद्ध लोगों की जनसंख्या का अनुपात युवा लोगों की अपेक्षा अधिक हो जाएगा।
  4. चीन को सामाजिक सुरक्षा उपाय बढ़ाने होंगे।

Question - 8 : -
चीन, पाकिस्तान और १रत के मुख्य जनांकिकीय संकेतकों का उल्लेख कीजिए।

Answer - 8 : -

चीन भारत क्रमश: विश्व के सर्वाधिक जनसंख्या वाले देश हैं। विश्व में रहने वाले प्रत्येक : व्यक्तियों में से एक व्यक्ति भारतीय है और दूसरा चीनी है। इसके विपरीत पाकिस्तान की जनसंख्या बहुत कम है और वह चीन या भारत की जनसंख्या का लगभग दसवाँ भाग है। जनसंख्या वृद्धि की दर पाकिस्तान में सबसे अधिक है, और उसके बाद भारत चीन का स्थान है। चीन में प्रजनन दर भी बहुत कम है और पाकिस्तान में बहुत अधिक। इसे तालिका 10.1 में दर्शाया गया है

[*
नोट-इन आँकड़ों में हाँगकाँग, मकाओ और ताइवान प्रान्तों के आँकड़े शामिल नहीं हैं।] अर्युक्त तालिका में निम्न बातें स्पष्ट होती है

  1. जनसंख्या की दृष्टि से चीन का प्रथम, भारत का द्वितीय तथा पाकिस्तान का तृतीय है।

  2. जनसंख्या की वार्षिक संवृद्धि दर पाकिस्तान में सर्वाधिक (2.5) है। इसके बाद भारत (1.7) का नम्बर आता है। चीन (1.0) में यह सबसे कम है।

  3. भारत में जनसंख्या का घनत्व सर्वाधिक (358) है जबकि पाकिस्तान में 193 तथा चीन में 138 है।

  4. लिंगानुपात की दृष्टि से चीन का  प्रथम (937), भारत का द्वितीय (933) तथा पाकिस्तान का तृतीय (922) है।

  5. प्रजनन दर पाकिस्तान में सर्वाधिक (5.1) है जबकि भारत में यह 3.0 तथा चीन में सबसे कम (1.8) है।

  6. चीन (36.1) तथा पाकिस्तान (33.4) दोनों ही में नगरीकरण अधिक है। भारत में नगरीय क्षेत्रों में लगभग 28% लोग रहते हैं।

 

Question - 9 : -
मानव विकास के विभिन्न संकेतकों का उल्लेख कीजिए।

Answer - 9 : -

मानव विकास के विभिन्न संकेतक निम्नलिखित हैं

  1. प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद।
  2. निर्धनता रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वाले लोग।
  3. जन्म के समय जीवन प्रत्याशा।
  4. प्रौढ़ साक्षरता दरें (15 वर्ष और अधिक आयु)।
  5. सामान्य साक्षरता दर :
  6. शिशु मृत्यु-दर।
  7. मातृत्व मृत्यु-दर।
  8. उत्तम स्वच्छता तक धारणीय पहुँच वाली जनसंख्या।
  9. उत्तम जलस्रोतों तक धारणीय पहुँच वाली जनसंख्या।
  10. अल्पपोषित जनसंख्या।

Question - 10 : -
स्वतन्त्रता संकेतक की परिभाषा दीजिए। स्वतन्त्रता संकेतकों के कुछ उदाहरण दीजिए।

Answer - 10 : -

स्वतन्त्रता संकेतक की परिभाषा स्वतन्त्रता संकेतक को ‘सामाजिक व राजनीतिक निर्णय प्रक्रिया में लोकतान्त्रिक भागीदारी के रूप में परिभाषित किया जाता है। प्रमुख स्वतन्त्रता संकेतांकों के उदाहरण निम्नलिखित हैं

  1. नागरिक अधिकारों की संवैधानिक संरक्षण की सीमा।
  2. न्यायपालिका की स्वतन्त्रता को संरक्षण देने की संवैधानिक सीमा।
  3. विधिसम्मत शासन।

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