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Question -

चित्र-10.3 (a) में दर्शाए अनुसार कोई मैनोमीटर किसी बर्तन में भरी गैस के दाब का पाठ्यॉक लेता है। पम्प द्वारा कुछ गैस बाहर निकालने के पश्चात मैनोमीटर चित्र 10.3 (b)] में दर्शाए अनुसार पाठ्यांक लेता है। मैनोमीटर में पारा भरा है तथा वायुमण्डलीय दाब का मान 76 cm मरकरी (Hg) है।
 
(i) प्रकरणों (a) तथा (b) में बर्तन में भरी गैस के निरपेक्ष दाब तथा प्रमापी दाब cm (Hg) के मात्रक में लिखिए।
(ii) यदि मैनोमीटर की दाहिनी भुजा में 13.6 cm ऊँचाई तक जल (पारे के साथ | अमिश्रणीय) उड़ेल दिया जाए तो प्रकरण (b) में स्तर में क्या परिवर्तन होगा? (गैस के आयतन में हुए थोड़े परिवर्तन की उपेक्षा कीजिए।)



Answer -

वायुमण्डलीय दाब P0 = 76 सेमी पारा
(i)
चित्र 10.3(a) में
निरपेक्ष दाब P = P0 + 20 सेमी पारा
= 76
सेमी पारा + 20 सेमी पारा = 96 सेमी पारा
प्रमापी (गेज) दाब = (P – P0) = 20 सेमी पारा
चित्र 10.3(b) में,
निरपेक्ष दाब P = P0 – 18 सेमी पारा
= 76
सेमी पारा – 18 सेमी पारा
= 58
सेमी पारा
प्रमापी (गेज) दाब = (P – P0) = -18 सेमी पारा
यह ऋणात्मक (-) चिह्न यह दर्शाता हैकि बर्तन में भरी गैसका दाब वायुमण्डलीय दाबसे कम है।
(ii)
यदि मैनोमीटर की दाहिनी भुजामें 13.6सेमी ऊँचाई तक जल उड़ेलदिया जाता है, तो चित्र 10.4 के अनुसार मैनोमीटर कीदाहिनी भुजा में पारे। कातल नीचे गिरता है तथा बायींभुजा में यह ऊपरउठता है ताकि तलीपर दोनों ओर के दाबसमान हो जायें। मानापारे का दाहिनी भुजासे बायीं भुजा में स्थानान्तरण x सेमीहै। अत: दोनों भुजाओं में पारे। केस्तम्भ का अन्तर 2x सेमी होगा।

 

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