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Chapter 13 अणुगति सिद्धान्त (Kinetic Theory) Solutions

Question - 11 : -
1 मीटर लम्बी संकरी (और एक सिरे पर बन्द) नली क्षैतिज रखी गई है। इसमें 76 cm लम्बाई भरा पारद सूत्र, वायु के 15 cm स्तम्भ को नली में रोककर रखता है। क्या होगा यदि खुला सिरा नीचे की ओर रखते हुए नली को ऊर्ध्वाधर कर दिया जाए?

Answer - 11 : -

प्रारम्भ में जब नली क्षैतिज है, तब बन्द सिरे पर रोकी गई वायु का दाब वायुमण्डलीय दाब के बराबर होगा क्योंकि यह वायु, वायुमण्डलीय दाब के विरुद्ध पारे के स्तम्भ को पीछे हटने से रोकती है।
P1 = वायुमण्डलीय दाब
= 76
सेमी पारद स्तम्भ का दाब
यदि नली का अनुप्रस्थ क्षेत्रफल A सेमी² है तो वायु का आयतन V1 =15 सेमी X A सेमी² = 15A सेमी3  जब नली का खुला सिरा नीचे की ओर रखते हुए ऊध्र्वाधर करते हैं तो खुले सिरे पर बाहर की ओर से वायुमण्डलीय दाब (76 सेमी पारद स्तम्भ का दाब) काम करता है जब कि ऊपर की ओर से 76 सेमी पारद सूत्र का दाब तथा बन्द सिरे पर एकत्र वायु की दाब काम करते हैं। चूँकि खुले सिरे पर पारद स्तम्भ + वायु का दाब अधिक है अतः पारद स्तम्भ सन्तुलन में नहीं रह पाता और नीचे गिरते हुए, वायु को बाहर निकाल देता है।
माना पारद स्तम्भ की h लम्बाई नली से बाहर निकल जाती है।
तब, पारद स्तम्भ की शेष ऊँचाई = (76– h)
सेमी जबकि बन्द सिरे पर वायु स्तम्भ की लम्बाई = (15+ 9 + h) सेमी
= (24 + h)
सेमी
वायु का आयतन V2 =(24 + h) A सेमी3

अतः h =23.8 सेमी अथवा – 47.8 सेमी (जो अनुमान्य है।)
इसलिए h =23.8 सेमी ≈ 24 सेमी
अतः लगभग 24 सेमी पारा बाहर निकल जायेगा। शेष पारे का 52 सेमी ऊँचा स्तम्भ तथा 4.8 सेमी वायु स्तम्भ इसमें जुड़कर बाह्य वायुमण्डल के साथ संतुलन में रहते हैं। (यहाँ पूरे प्रयोग की अवधि में ताप को नियत माना गया है तब ही बॉयल के नियम का प्रयोग किया है।)

 

Question - 12 : -

किसी उपकरण से हाइड्रोजन गैस 28:7 सेमी3/से की दर से विसरित हो रही है। उन्हींस्थितियों में कोई दूसरी गैस 7.2 सेमी3/से की दर से विसरित होती है। इस दूसरी गैस
को पहचानिए।
[संकेत-ग्राहम के विसरण नियम R1/R2 = (M2 /M1)
1/2 का उपयोग कीजिए, यहाँ R1, R2 क्रमशः गैसों की विसरण दर तथा M1 एवं M2 उनके आणविक द्रव्यमान हैं। यह नियम अणुगति सिद्धान्त का एक सरल परिणाम है।]

Answer - 12 : -

किसी गैस के विसरण की दर । गैस अणुओं के वर्ग माध्य मूल वेग के अनुक्रमानुपाती होती है अर्थात्

अतः दूसरी गैस ऑक्सीजन है। (चूंकि ऑक्सीजन का अणुभार 32 होता है।)

Question - 13 : -
साम्यावस्था में किसी गैस का घनत्व और दाब अपने सम्पूर्ण आयतन में एकसमान हैं। यह पूर्णतया सत्य केवल तभी है जब कोई भी बाह्य प्रभाव न हो। उदाहरण के लिए गुरुत्व से प्रभावित किसी गैस स्तम्भ का घनत्व (और दाब) एकसमान नहीं होता है। जैसा कि आप आशा करेंगे इसका घनत्व ऊँचाई के साथ घटता है। परिशुद्ध निर्भरता ‘वातावरण के नियम
 
से दी जाती है, यहाँ n2, n1 क्रमशः h2 व h1 ऊँचाइयों पर संख्यात्मक घनत्व को प्रदर्शित करते हैं। इस सम्बन्ध का उपयोग द्रव-स्तम्भ में निलम्बित किसी कण के अवसादने साम्य के लिए समीकरण
 
को व्युत्पन्न करने के लिए कीजिए, यहाँ ρ निलम्बित कण का घनत्व तथा ρ’ चारों तरफ के माध्यम का घनत्व है। NA आवोगाव्रो संख्या तथा R सार्वत्रिक गैस नियतांक है। (संकेतः निलम्बित कण के आभासी भार को जानने के लिए आर्किमिडीज के सिद्धान्त का उपयोग कीजिए)

Answer - 13 : - वातावरण के नियम के अनुसार,

जबकि m द्रव्यमान का कण वायु में साम्यावस्था में तैर रहा है। यदि कण ρ’ वाले किसी द्रव में छोड़ा गया है तो इस कण पर द्रव के कारण उत्क्षेप भी कार्य करेगा। ऐसी स्थिति में हमें उक्त सूत्र में mg के स्थान पर कण का आभासी भार रखना होगा।
माना कण का आयतन V तथा घनत्व ρ है तब
कण का आभासी भार = mg – उत्क्षेप



Question - 14 : -
नीचे कुछ ठोसों व द्रवों के घनत्व दिए गए हैं। उनके परमाणुओं की आमापों का आकलन (लगभग) कीजिए।
 
[ संकेतः मान लीजिए कि परमाणु ठोस अथवा द्रव प्रावस्था में दृढ़ता से बँधे हैं, तथा आवोगाव्रो संख्या के ज्ञात मान का उपयोग कीजिए। फिर भी आपको विभिन्न परमाणवीय आकारों के लिए अपने द्वारा प्राप्त वास्तविक संख्याओं का बिल्कुल अक्षरशः प्रयोग नहीं करना चाहिए क्योंकि दृढ़ संवेष्टन सन्निकटन की रूक्षता के परमाणवीय आकार कुछ Å के पास में हैं ]

Answer - 14 : -




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