The Total solution for NCERT class 6-12
Answer - 11 : -
प्रारम्भ में जब नली क्षैतिज है, तब बन्द सिरे पर रोकी गई वायु का दाब वायुमण्डलीय दाब के बराबर होगा क्योंकि यह वायु, वायुमण्डलीय दाब के विरुद्ध पारे के स्तम्भ को पीछे हटने से रोकती है।∴ P1 = वायुमण्डलीय दाब= 76 सेमी पारद स्तम्भ का दाबयदि नली का अनुप्रस्थ क्षेत्रफल A सेमी² है तो वायु का आयतन V1 =15 सेमी X A सेमी² = 15A सेमी3 । जब नली का खुला सिरा नीचे की ओर रखते हुए ऊध्र्वाधर करते हैं तो खुले सिरे पर बाहर की ओर से वायुमण्डलीय दाब (76 सेमी पारद स्तम्भ का दाब) काम करता है जब कि ऊपर की ओर से 76 सेमी पारद सूत्र का दाब तथा बन्द सिरे पर एकत्र वायु की दाब काम करते हैं। चूँकि खुले सिरे पर पारद स्तम्भ + वायु का दाब अधिक है अतः पारद स्तम्भ सन्तुलन में नहीं रह पाता और नीचे गिरते हुए, वायु को बाहर निकाल देता है।माना पारद स्तम्भ की h लम्बाई नली से बाहर निकल जाती है।तब, पारद स्तम्भ की शेष ऊँचाई = (76– h)सेमी जबकि बन्द सिरे पर वायु स्तम्भ की लम्बाई = (15+ 9 + h) सेमी= (24 + h) सेमीवायु का आयतन V2 =(24 + h) A सेमी3अतः h =23.8 सेमी अथवा – 47.8 सेमी (जो अनुमान्य है।)इसलिए h =23.8 सेमी ≈ 24 सेमी ।अतः लगभग 24 सेमी पारा बाहर निकल जायेगा। शेष पारे का 52 सेमी ऊँचा स्तम्भ तथा 4.8 सेमी वायु स्तम्भ इसमें जुड़कर बाह्य वायुमण्डल के साथ संतुलन में रहते हैं। (यहाँ पूरे प्रयोग की अवधि में ताप को नियत माना गया है तब ही बॉयल के नियम का प्रयोग किया है।)
किसी उपकरण से हाइड्रोजन गैस 28:7 सेमी3/से की दर से विसरित हो रही है। उन्हींस्थितियों में कोई दूसरी गैस 7.2 सेमी3/से की दर से विसरित होती है। इस दूसरी गैसको पहचानिए।[संकेत-ग्राहम के विसरण नियम R1/R2 = (M2 /M1)1/2 का उपयोग कीजिए, यहाँ R1, R2 क्रमशः गैसों की विसरण दर तथा M1 एवं M2 उनके आणविक द्रव्यमान हैं। यह नियम अणुगति सिद्धान्त का एक सरल परिणाम है।]
Answer - 12 : -
Answer - 13 : - वातावरण के नियम के अनुसार,जबकि m द्रव्यमान का कण वायु में साम्यावस्था में तैर रहा है। यदि कण ρ’ वाले किसी द्रव में छोड़ा गया है तो इस कण पर द्रव के कारण उत्क्षेप भी कार्य करेगा। ऐसी स्थिति में हमें उक्त सूत्र में mg के स्थान पर कण का आभासी भार रखना होगा।माना कण का आयतन V तथा घनत्व ρ है तब ।कण का आभासी भार = mg – उत्क्षेप
Answer - 14 : -