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Question -

साम्यावस्था में किसी गैस का घनत्व और दाब अपने सम्पूर्ण आयतन में एकसमान हैं। यह पूर्णतया सत्य केवल तभी है जब कोई भी बाह्य प्रभाव न हो। उदाहरण के लिए गुरुत्व से प्रभावित किसी गैस स्तम्भ का घनत्व (और दाब) एकसमान नहीं होता है। जैसा कि आप आशा करेंगे इसका घनत्व ऊँचाई के साथ घटता है। परिशुद्ध निर्भरता ‘वातावरण के नियम
 
से दी जाती है, यहाँ n2, n1 क्रमशः h2 व h1 ऊँचाइयों पर संख्यात्मक घनत्व को प्रदर्शित करते हैं। इस सम्बन्ध का उपयोग द्रव-स्तम्भ में निलम्बित किसी कण के अवसादने साम्य के लिए समीकरण
 
को व्युत्पन्न करने के लिए कीजिए, यहाँ ρ निलम्बित कण का घनत्व तथा ρ’ चारों तरफ के माध्यम का घनत्व है। NA आवोगाव्रो संख्या तथा R सार्वत्रिक गैस नियतांक है। (संकेतः निलम्बित कण के आभासी भार को जानने के लिए आर्किमिडीज के सिद्धान्त का उपयोग कीजिए)



Answer -

वातावरण के नियम के अनुसार,

जबकि m द्रव्यमान का कण वायु में साम्यावस्था में तैर रहा है। यदि कण ρ’ वाले किसी द्रव में छोड़ा गया है तो इस कण पर द्रव के कारण उत्क्षेप भी कार्य करेगा। ऐसी स्थिति में हमें उक्त सूत्र में mg के स्थान पर कण का आभासी भार रखना होगा।
माना कण का आयतन V तथा घनत्व ρ है तब
कण का आभासी भार = mg – उत्क्षेप



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