The Total solution for NCERT class 6-12
मरुस्थली क्षेत्रों में पवन अपना अपरदनात्मक कार्य अपवाहन एवं घर्षण द्वारा करती है। अपवाहन में पवन धरातल से चट्टानों के छोटे कण व धूल उठाती है। वायु की परिवहन प्रक्रिया में रेत एवं बजरी आदि औजारों की तरह धरातलीय चट्टानों पर चोट पहुँचाकर घर्षण करती है। इस प्रकार मरुस्थलों में पवन अपने इस अपरदनात्मक कार्य से कई रोचक स्थलरूपों का निर्माण करती है और जब पवन की गति अत्यन्त मन्द हो जाती है तथा उसके मार्ग में अवरोध उत्पन्न हो जाता है, निक्षेपण कार्य से स्थलरूपों को निर्मित करती है। मरुस्थलीय क्षेत्रों में पवन के अतिरिक्त प्रवाहित जल भी चादर बाढ़ (Sheet flood) द्वारा कुछ स्थलरूपों का निर्माण करता है।