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Question -

आप पहले ही भूगोल, इतिहास, नागरिकशास्त्र एवं अर्थशास्त्र का सामाजिक विज्ञान के घटक के रूप में अध्ययन कर चुके हैं। इन विषयों के समाकलन का प्रयास उनके अंतरापृष्ठ (Interface) पर प्रकाश डालते हुए कीजिए।



Answer -

भूगोल एक समाकलित विषय भूगोल एक संश्लेषणात्मक (Synthesis) विषय है। इसको अंतरापृष्ठ (Interface) संबंध सभी प्राकृतिक (भौतिक) एवं सामाजिक विज्ञानों से है। प्राकृतिक विज्ञानों से अंतरापृष्ठ संबंध के रूप में परंपरागत भौतिक भूगोल-भौमिकी, मौसम विज्ञान, जल विज्ञान, मृदा विज्ञान, भू-आकृति विज्ञान, खगोल विज्ञान, वनस्पति विज्ञान तथा प्राणि विज्ञान आदि से निकट का संबंध रखता है। जबकि सामाजिक विज्ञान के सभी विषय, यथा—इतिहास, समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र, राजनीति विज्ञान, जनांकिकी आदि भी भूगोल से सम्बन्धित हैं।
निम्न चित्र 1.1 अन्य विज्ञानों से अंतरापृष्ठ संबंध दर्शाता है जिससे भूगोल के समाकलन विषय का स्वरूप स्पष्ट होता है।
वस्तुतः विज्ञान से संबंधित सभी विषय भूगोल से जुड़े हैं। क्योंकि उनके कई तत्त्व क्षेत्रीय संदर्भ में भिन्न-भिन्न होते हुए भी यथार्थता को समग्रता से समझने में सहायक हैं। सभी प्राकृतिक या सामाजिक विज्ञानों का एक मूल उद्देश्य यथार्थती को ज्ञात करना है। भूगोल यथार्थता से जुड़े तथ्यों के साहचर्य को बोधगम्य बनाता है। अत: भूगोल स्थानिक संदर्भ में यथार्थता को समग्रता से समझने में ही सहायक नहीं है अपितु यह सभी विषयों को समाकलित भी करता है। इसके उपागम की प्रकृति समग्रात्मक (Holistic) होती है। यह विषय इस तथ्य को मानता है कि विश्व एक परस्पर निर्भर तन्त्र है। आज वर्तमान विश्व से एक वैश्विक ग्राम का बोध होता है जिसमें परिवहन एवं सूचना तकनीकी साधनों ने स्थानिक दूरी को न्यूनतम करने में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है। इससे स्थानिक विशेषताओं को और अधिक स्पष्टता प्राप्त हुई है। इस प्रकार भूगोल अब पहले से भी अधिक समग्रता के आधार पर अन्य विज्ञानों से अंतरापृष्ठ रूप से संबंधित विषय माना जाता है जिसके द्वारा इसके समाकलित दर्शन का बोध होता है।

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