Question -
Answer -
पृथ्वी पर सूर्यातप की प्राप्ति अक्षांश और पृथ्वी के अक्ष के झुकाव द्वारा निर्धारित होती है। पृथ्वी का अक्ष सूर्य के चारों ओर परिक्रमण की समतल कक्षा से का कोण बनाता है, इसके कारण सभी अक्षांशों पर सूर्य की किरणों का नति कोण समान नहीं होता है। यह कोण उच्च अक्षांशों अर्थात् ध्रुवों पर कम होता है तथा निम्न अक्षांशों अर्थात् भूमध्य रेखा पर अधिक होता है। यही कारण है कि भूमध्य रेखा से ध्रुवों की ओर उत्तरी एवं दक्षिणी अक्षांशों पर तापमान कम होता जाता है, कि ध्रुवों पर सूर्य की किरणें तिरछी पड़ने से वह अधिक क्षेत्र परे फैलती हैं; अतः इन किरणों को पृथ्वी का अधिक स्थान घेरना पड़ता है, इसलिए कम ताप की प्राप्ति होती है जबकि भूमध्यरेखा पर सूर्य की किरणें सीधी पड़ती हैं। इन किरणों का घनत्व कम क्षेत्र को अधिक तापमान प्रदान करता है। अतः पृथ्वी का गोलाकार स्वरूप, उसका अपने अक्ष पर झुकाव और अक्षांश ऐसे तथ्य हैं जो पृथ्वी की सतह पर प्राप्त होने वाली विकिरणों की मात्रा से प्रभावित होते हैं और पृथ्वी के तापमान वितरण में असमानता उत्पन्न करते हैं।