Question -
Answer -
1. शीर्षस्थ विभज्योतक :
ये मुख्य रूप से जड़ व तने के शीर्षों पर तथा पत्तियों के अग्रों पर मिलते हैं जहाँ ये नई-नई कोशिकाएँ बनाते रहते हैं।
2. अन्तर्वेशी विभज्योतक :
यह शीर्षस्थ विभज्योतक का अलग होकर छूटा हुआ भाग होता है। जो स्थाई ऊतकों में परिवर्तित न होकर उनके मध्य में छूट जाता है। घासों के पर्यों के आधारों में, पोदीने के तने की पर्व सन्धियों के नीचे यह ऊतक पाया जाता है। इनकी कोशिकाओं में विभाजन के फलस्वरूप पौधों की लम्बाई में वृद्धि होती है।
3. पाश्र्व विभज्योतक :
पौधों में इस ऊतक की स्थिति पार्श्व में होती है इसीलिए इसे पार्श्व विभज्योतक कहते हैं। इनकी कोशिकाओं में विभाजन अरीय दिशा में होता है। इनके
उदाहरण :
पूलीय कैम्बियम व कॉर्क कैम्बियम हैं।