Question -
Answer -
पहाड़ पर ऊँचाई बढ़ने के साथ-साथ वायु में O2 का आंशिक दाब कम हो जाता है; अत: मैदान की अपेक्षा ऊँचाई पर श्वासोच्छ्वास क्रिया अधिक तीव्र गति से होगी। इसके निम्नलिखित कारण होते हैं
1. रुधिर में घुली हुई ऑक्सीजन का आंशिक दाब कम हो जाता है। O2 रक्त में सुगमता से विसरित होती है। अतः शरीर में ऑक्सीजन परिसंचरण कम हो जाता है। इसके फलस्वरूप सिरदर्द तथा उल्टी (वमन) का आभास होता है।
2. अधिक ऊँचाई पर वायु में ऑक्सीजन की मात्रा अपेक्षाकृत कम होती है; अत: वायु से अधिक O2 प्राप्त करने के लिए श्वासोच्छ्वास क्रिया तीव्र हो जाती है।
3. कुछ दिनों तक ऊँचाई पर रहने से रुधिर में लाल रुधिराणुओं की संख्या बढ़ जाती है और श्वास क्रिया सामान्य हो जाती है।