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Question -

निम्नलिखित के कार्य बताइए
(अ) मेढक की मूत्रवाहिनी
(ब) मैल्पीघी नलिका
(स) केंचुए की देहभित्ति।



Answer -

(अ)
मेढक की मूत्रवाहिनी (Ureter of Frog) :
नर मेढक में वृक्क से मूत्रवाहिनी निकलकर क्लोएका में खुलती है। यह मूत्रजनन नलिका का कार्य करती है। मादा मेंढक में मूत्रवाहिनी तथा अण्डवाहिनी (oviduct) क्लोएको में पृथक्-पृथक् खुलती हैं। मूत्रवाहिनी वृक्क से मूत्र को क्लोएका तक पहुँचाती है।
(ब)
मैल्पीघी नलिकाएँ (Malpighian tubules) :
ये कीटों में मध्यान्त्र तथा पश्चान्त्र के सन्धितल पर पाई जाने वाली पीले रंग की धागे सदृश उत्सर्जी रचनाएँ होती हैं। ये उत्सर्जी पदार्थों को हीमोसील से ग्रहण करके आहारनाल में पहुँचाती हैं।
(स)
केंचए की देहभित्ति (Bodywall of Earthworm) :
केंचुए की देहभित्ति नम तथा चिकमी होती है। यह श्वसन हेतु गैस विनिमय में सहायक होती है। देहभित्ति का श्लेष्म केंचुए के बिलों (सुरंग) की सतह को चिकना एवं मजबूत बनाता है।

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