Question -
Answer -
विद्युत हृद लेखन (Electrocardiography) :
विद्युत हृद लेख (ECG) एक तरंगित आलेख होता है, इसमें एक सीधी रेखा से तीन स्थानों पर तरंगें उठी दिखाई देती हैं-P लहर, QRS सम्मिश्र (QRS Complex) तथा T तरंग (T-wave) P तरंग ऊपर की ओर उठी एक छोटी-सी लहर होती है। जो 0.1 सेकण्ड के अलिन्दीय संकुचन (atrial systole को दर्शाती है। इसके समाप्त होने के लगभग 0.1 सेकण्ड बाद QRS सम्मिश्र की लहप्रारम्भ होती है। ये तीन तरंगें होती हैं-नीचे की ओर Q तरंग, इससे उठी बड़ी R तरंग तथा इससे जुड़ी नीचे की ओर छोटी 5 तरंग। QRS सम्मिश्र निलयी संकुचन के 0.3 सेकण्ड का सूचक होता है। फिर निलयी संकुचन की अन्तिम प्रावस्था और इनके क्रमिक प्रसारण के प्रारम्भ की सूचक T तरंग होती है। ECG में प्रदर्शित तरंगों तथा उनके मध्यावकाशों के तरीके का अध्ययन करके हृदय की दशा का ज्ञान होता है।
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इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ECG)
प्राप्त करने के लिए, हृदय के समीपवर्ती क्षेत्र में विशिष्ट स्थानों पर यदि इलेक्ट्रोड्स लगा दिए जाएँ तो हृदय संकुचन के समय जो विद्युत विभव शिरा अलिन्द गाँठ (S-A node) से उत्पन्न होकर विशिष्ट संवाही पेशी तन्तुओं (special conducting muscular fiber) से गुजर कर हृदय के मध्य स्तर की पेशियों के संकुचन को प्रेरित करता है, इसे नापा जा सकता है। इसे नापने के लिए जिस यन्त्र का प्रयोग किया जाता है, उसे विद्युत हृद लेखी (electro cardiograph) कहते हैं।