Question -
Answer -
शैशव तने की अनुप्रस्थ काट का सूक्ष्मदर्शीय अवलोकन करके निम्नलिखित तथ्यों के आधार पर एकबीजपत्री या द्विबीजपत्री तने की पहचान करते हैं
(क)
- तने के आन्तरिक आकारिकी लक्षण
- बाह्य त्वचा पर उपचर्म (cuticle), रन्ध्र (stomata) तथा बहुकोशीय रोम पाए जाते हैं।
- अधस्त्वचा (hypodermis) उपस्थित होती है।
- अन्तस्त्वचा प्रायः अनुपस्थित या अल्पविकसित होती है।
- परिरम्भ (pericycle) प्रायः बहुस्तरीय होता है।
- संवहन बण्डल संयुक्त (conjoint), बहि:फ्लोएमी (collateral) या उभयफ्लोएमी (bicollateral) होते हैं।
- प्रोटोजाइलम एण्डार्क (endarch) होता है।
(ख)
एकबीजपत्री तने के आन्तरिक आकारिकी लक्षण
- बाह्यत्वचा पर बहुकोशिकीय रोम अनुपस्थित होते हैं।
- अधस्त्वचा दृढ़ोतक (sclerenchymatous) होती है।
- भरण ऊतक (ground tissue) वल्कुट, अन्तस्त्वचा, परिरम्भ तथा मज्जा में अविभेदित होता है।
- संवहन बण्डल भरण ऊतक में बिखरे रहते हैं।
- संवहन बण्डल संयुक्त, बहि:फ्लोएमी तथा अवर्थी (closed) होते हैं।
- संवहन बण्डल चारों ओर से दृढ़ोतक से बनी बण्डल अच्छद से घिरे होते हैं।
- जाइलम वाहिकाएँ (vessels) ‘V’ या ‘Y’ क्रम में व्यवस्थित रहती हैं।
(ग)
द्विबीजपत्री तने के आन्तरिक आकारिकी लक्षण
- बाह्य त्वचा पर बहुकोशिकीय रोम पाए जाते हैं।
- अधस्त्वचा (hypodermis) स्थूलकोण ऊतक से बनी होती है।
- संवहन बण्डल एक या दो घेरों में व्यवस्थित होते हैं।
- भरण ऊतक वल्कुट, अन्तस्त्वचा, परिरम्भ, मज्जा तथा मज्जा रश्मियों में विभेदित होता है।
- संवहन बण्डल संयुक्त, बहि:फ्लोएमी या उभयफ्लोएमी और वर्धा (open) होते हैं।
- जाइलम वाहिकाएँ रेखीय (linear) क्रम में व्यवस्थित होती हैं।