Question -
Answer -
ब्रायोफाइटा, टेरिडोफाइटा तथा जिम्नोस्पर्म वर्ग के पौधों में स्त्रीधानी पाई जाती है।
मॉस (ब्रायोफाइट पादप) को जीवन-चक्र
इसकी प्रमुख अवस्था युग्मकोभिद् (gametophyte) होती है। युग्मकोभिद् की दो अवस्थाएँ पाई जाती हैं
(क)
शाखामय, हरे, तन्तुरूपी प्रोटोनीमा (protonema) :
का निर्माण अगुणित बीजाणुओं के अंकुरण से होता है। इस पर अनेक कलिकाएँ विकसित होती हैं जो वृद्धि करके पत्तीमय अवस्था का निर्माण करती हैं।
(ख)
पत्तीमय अवस्था पर नर तथा मादा जननांग समूह के रूप में बनते हैं। नर जननांग को पुंधानी (antheridium) तथा मादा जननांग को स्त्रीधानी (archegonium) कहते हैं। पुंधानी में द्विकशाभिक पुंमणु (antherozoids) तथा स्त्रीधानी में अण्डाणु (ovum) बनता है।निषेचन जल की उपस्थिति में होता है। पुमणु तथा अण्डाणु संलयन के फलस्वरूप द्विगुणित युग्मनज (oospore) बनाते हैं। युग्मनजे से वृद्धि तथा विभाजन द्वारा द्विगुणित बीजाणुउभिद् (sporophyte) का निर्माण होता है। यह युग्मकोभिद् पर अपूर्ण परजीवी होता है।
बीजाणुउभिद् के तीन भाग होते हैं
1. पाद (foot)
2. सीटा (seta) तथा
3. सम्पुट (capsule)
सम्पुटकेबीजाणुकोष्ठ मेंस्थितद्विगुणित बीजाणुमातृकोशिकाओं सेअर्द्धसूत्री विभाजनद्वाराअगुणितबीजाणु(spores) बनतेहैं।
सम्पुटकेस्फुटनसेबीजाणुमुक्तहोजातेहैं।बीजाणुओं काप्रकीर्णन वायुद्वाराहोताहै।अनुकूलपरिस्थितियाँ मिलनेपरबीजाणुअंकुरित होकरतन्तुरूपी, स्वपोषी प्रोटोनीमा (protonema) बनाते हैं।