Question -
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मूलदाब
मूल वल्कुट (root cortex) की कोशिकाओं की स्फीति (आशून) स्थिति में अपने कोशिकाद्रव्य पर पड़ने वाले दाब को मूलदाब (root pressure) कहते हैं। मूलदाब के फलस्वरूप जल (कोशिकारस) जाइलम वाहिकाओं में प्रवेश करके तने में कुछ ऊँचाई तक ऊपर चढ़ता है। मूलदाब शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम स्टीफन हेल्स (Stephan Hales, 1927) ने किया। स्टॉकिंग (Stocking, 1956) के अनुसार जड़ के जाइलम में उत्पन्न दाब, जो जड़ की उपापचयी क्रियाओं से उत्पन्न होता है, मूलदाब कहलाता है। मूलदाब सामान्यतया + 1 से + 2 बार तक होता है। इससे जल कुछ ऊँचाई तक चढ़ सकता है। शुष्क मृदा में मूलदाब उत्पन्न नहीं होता। बहुत-से पौधों; जैसे–अनावृतबीजी (gymnosperms) में मूलदाब उत्पन्न हीं नहीं होता। अतः आधुनिक मतानुसार रसारोहण में मूलदाब का विशेष कार्य नहीं है।