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Question -

पादपों में शर्करा के स्थानान्तरण के दाब प्रवाह परिकल्पना की व्याख्या कीजिए।



Answer -

शर्करा के स्थानान्तरण की दाब प्रवाह परिकल्पना खाद्य पदार्थों (शर्करा) के वितरण की सर्वमान्य क्रियाविधि दाब प्रवाह परिकल्पना है। पत्तियों में संश्लेषित ग्लूकोस, सुक्रोस (sucrose) में बदलकर फ्लोएम की चालनी नलिकाओं और सहचर कोशिकाओं द्वारा पौधों के संचय अंगों में स्थानान्तरित होता है। पत्तियों में निरन्तर भोजन निर्माण होता रहता है। फ्लोएम ऊतक की चालनी नलिकाओं में जीवद्रव्य के प्रवाहित होते रहने के कारण उसमें घुलित भोज्य पदार्थों के अणु भी प्रवाहित होते रहते हैं। यह स्थानान्तरण अधिक सान्द्रता वाले स्थान से कम सान्द्रता वाले स्थानों की ओर होता है। पत्तियों की कोशिकाओं में निरन्तर भोज्य पदार्थों का निर्माण होता रहता है, इसलिए पत्ती की कोशिकाओं में परासरण दाब अधिक रहता है। जड़ों तथा अन्य संचय भागों में भोज्य पदार्थों के अघुलनशील पदार्थों में बदल जाने या प्रयोग कर लिए जाने के कारण इन कोशिकाओं का परासरण दाब कम बना रहता है। भोज्य पदार्थों के परिवहन हेतु जल जाइलम ऊतक से प्राप्त होता है। संचय अंगों में मुक्त जल जाइलम ऊतक में वापस पहुँच जाता है। इस प्रकार फ्लोएम द्वारा सुगमतापूर्वक कार्बनिक भोज्य पदार्थों का संवहन होता रहता है।

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