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Question -

तेरहवीं शताब्दी के मध्य में मंगोलिया द्वारा निर्मित ‘पैक्स मंगोलिका’ का निम्नलिखित विवरण उसके चरित्र को किस तरह उजागर करता है?

एक फ्रेन्सिसकन भिक्ष, रूब्रुक निवासी विलियम को फ्रांस के सम्राट लुई IX ने राजदूत बनाकर महान खान मोंके के दरबार में भेजा। वह 1254 में मोंके की राजधानी कराकोरम पहुँचा और वहाँ वह लोरेन, फ्रांस की एक महिला पकेट (Paquette) के सम्पर्क में आया जिसे हंगरी से लाया गया था। यह महिला राजकुमार की पत्नियों में से एक पत्नी की सेवा में नियुक्त थी जो नेस्टोरियन ईसाई थी। वह दरबार में एक फारसी जौहरी ग्वीयोम बूशेर के सम्पर्क में आया, जिसका भाई पेरिस में ग्रेन्ड पोन्ट’ में रहता था। इस व्यक्ति को सर्वप्रथम रानी सोरगकतानी ने और उसके उपरान्त मोंके के छोटे भाई ने अपने पास नौकरी में रखा। विलियम ने यह देखा कि विशाल दरबारी उत्सवों में सर्वप्रथम नेस्टोरियन पुजारियों को उनके चिह्नों के साथ तथा इसके उपरान्त मुसलमान, बौद्ध और ताओ पुजारियों को महान खान को आशीर्वाद देने के लिए आमन्त्रित किया जाता था।…



Answer -

तेरहवीं शताब्दी के मध्य में मंगोलिया द्वारा निर्मित ‘पैक्स मंगोलिया’ (मंगोल शान्ति) का । उपर्युक्त विवरण उसकी धर्मसहिष्णुता को प्रकट करता है। मंगोल राजदरबार में किसी प्रकार का जातीय भेदभाव नहीं था। विभिन्न देशों के निवासी राजदरबार में कार्यरत थे। पकेट फ्रांस और हंगरी से सम्बद्ध थी। उसका धर्म ईसाई था। पर्सियन स्वर्णकार भी इस दरबार में था। राजदरबार में शासक सभी धर्मों का सम्मान करता था। वह ईसाई, बौद्ध, इस्लाम, ताओ धर्म के पुजारियों से आशीर्वाद लेता था। इस प्रकार मंगोल राजा का चरित्र धर्मनिरपेक्ष था।

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