Question -
Answer -
किसी व्यक्ति के काम करने की योग्यता एवं क्षमता काफी सीमा तक उसके स्वास्थ्य पर निर्भर करती है। अच्छा स्वास्थ्य जीवन की गुणवत्ता में वृद्धि करता है। स्वास्थ्य सुविधा कार्यक्रमों की प्रभावशीलता का निर्धारण शिशु एवं मातृ मृत्युदर, जीवन प्रत्याशा, पोषण स्तर, छूत एवं अछूत बीमारियों के स्तर से होता है। उपर्युक्त सूचकों के स्तर के आधार पर कहा जा सकता है कि भारत में स्वास्थ्य सुविधा कार्यक्रमों की प्रभावशीलता को बढ़ाने की आवश्यकता है। इसे निम्न प्रकार से स्पष्ट किया जा सकता है
- स्वास्थ्य क्षेत्र में सरकारी व्यय सकल घरेलू उत्पाद का मात्र 5 प्रतिशत है। यह अन्य देशों के मुकाबले काफी कम है। स्वास्थ्य सुविधा कार्यक्रमों की सफलता के लिए सरकार को स्वास्थ्य व्यय बढ़ाना चाहिए।
- बच्चों को भयानक बीमारियों; जैसे—मलेरिया, क्षयरोग (TB), चेचक, पोलियो आदि; से बचाव के लिए उन्हें उचित टीके लगाए जाने चाहिए।
- गरीब लोगों को खाने के पर्याप्त एवं सन्तुलित भोजन की आपूर्ति करनी चाहिए जिससे कुपोषण से होने वाली बीमारियों को रोका जा सके।
- स्वास्थ्य व सफाई के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा की जानी चाहिए।
- सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाएँ विकेन्द्रित होनी चाहिए।
- स्वास्थ्य सुविधाओं का शहरों एवं गाँवों में स्पष्ट विभाजन होना चाहिए।