Question -
Answer -
पाकिस्तान में संवृद्धि दर धीमी रही है। यह 1980-90 के दशक में 6.3% थी जो 1990-2003 की अवधि के दौरान घटकर 3.6% रह गई। यह गिरावट कृषि, विनिर्माण व सेवा–तीनों ही क्षेत्रकों में देखी गई। संवृद्धि दर में गिरावट के साथ-साथ निर्धनता का स्तर भी कम होने के बाद 1990 के दशक में पुन: बढ़ने लगा है। इसके प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं
- कृषि संवृद्धि और खाद्य पूर्ति, तकनीकी परिवर्तन संस्थागत प्रक्रिया पर आधारित न होकर अच्छीफसल पर आधारित था। फसल के अच्छा होने पर अर्थव्यवस्था ठीक रहती थी और फसल के अच्छी न होने पर संवृद्धि दर गिर जाती थी।
- विदेशी मुद्रा फ़ा अर्जन विनिर्मित उत्पादों के निर्यात पर आधारित न होकर, मध्य-पूर्व में काम करने वाले पाकिस्तानी श्रमिकों की आय प्रेषण तथा अति अस्थिर कृषि उत्पादों के निर्यातों पर आधारित था।
- पाकिस्तान में विदेशी ऋणों पर निर्भर रहने की प्रवृत्ति बढ़ रही थी और दूसरी ओर पुराने ऋणों को चुकाने की कठिनाई बढ़ती जा रही थी। इस प्रकार पाकिस्तान विदेशी ऋण-जाल में फँसता जा रहा था।
- पाकिस्तान विनिर्माण क्षेत्र के लिए आवश्यक आधारिक संरचना का निर्माण नहीं कर पाया।
- आतंकवाद के चलते विदेशी निवेशकों ने पाकिस्तान में निवेश के प्रति रुचि नहीं दिखाई।