Question -
Answer -
आज यह बात सभी सोच रहे हैं कि यदि किसान प्रत्यक्ष रूप से उपभोक्ता को अपने उत्पाद बेचते हैं। तो इससे उपभोक्ताओं द्वारा अदा की गई कीमत में उसकी हिस्सेदारी बढ़ जाती है। पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में अपनी मण्डी, पुणे की हाड़पसार मण्डी, आंध्र प्रदेश की राययूबाज नामक फल-सब्जी मण्डियाँ तथा तमिलनाडु की उझावर के कृषक बाजार आदि वैकल्पिक क्रय-विक्रय माध्यम के कुछ उदाहरण हैं। इसके अतिरिक्त आजकल अनेक देशी एवं बहुराष्ट्रीय खाद्य पदार्थ बनाने वाली कम्पनियाँ भी किसानों के साथ सीधा अनुबंध कर रही हैं। ये कम्पनियाँ कृषि उपज एवं उसकी गुणवत्ता को प्रोत्साहित करने हेतु पूर्व-निर्धारित कीमतों पर किसानों से अनुबंध करती हैं।