MENU
Question -

कृषि क्षेत्रक में लागू किए गए भूमि सुधार की आवश्यकता और उनके प्रकारों की व्याख्या करो।



Answer -

ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के अंतर्गत भारत में मूलत: एक कृषिप्रधान अर्थव्यवस्था ही बनी रही। देश की लगभग 85 प्रतिशत जनसंख्या, जो गाँवों में बसी थी, प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कृषि के माध्यम से ही रोजी-रोटी कमा रही थी परंतु फिर भी कृषि क्षेत्र में न तो संवृद्धि हुई और न ही समता रह गई। इन्हीं सब कारणों से भूमि सुधार की आवश्यकता पड़ी। कृषि क्षेत्रक में निम्नलिखित सुधार किए गए हैं

  1. देश में कृषि क्षेत्रक में बिचौलियों का उन्मूलन किया गया।
  2. वास्तविक कृषकों को ही भूमि का स्वामी बनाया गया।
  3. किसी व्यक्ति की कृषि भूमि के स्वामित्व की अधिकतम सीमा का निर्धारण किया गया।
  4. नई तकनीक के प्रयोग पर बल दिया गया।
मध्यस्थों के उन्मूलन का परिणाम यह हुआ कि लगभग 2 करोड़ काश्तकारों को सरकार से सीधा संपर्क हो गया तथा वे जमींदारों द्वारा किए जा रहे शोषण से मुक्त हो गए।

Comment(S)

Show all Coment

Leave a Comment

Free - Previous Years Question Papers
Any questions? Ask us!
×