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Question -

सामाजिक न्यायं और जन-कल्याण के परिप्रेक्ष्य में भारत के आर्थिक सुधारों पर चर्चा करें।



Answer -

उदारीकरण और निजीकरण की नीतियों के माध्यम से वैश्वीकरण के भारत सहित अनेक देशों पर कुछ सकारात्मक तथा नकारात्मक प्रभाव पड़े हैं। कुछ विद्वानों का विचार है कि वैश्वीकरण विश्व बाजारों में बेहतर पहुँच तथा तकनीकी उन्नयन द्वारा विकासशील देशों के बडे उद्योगों को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर महत्त्वपूर्ण बनने का अवसर प्रदान कर रहा है। दूसरी ओर आलोचकों का विचार है कि वैश्वीकरण ने विकसित देशों को विकासशील देशों के आन्तरिक बाजार पर कब्जा करने का भरपूर अवसर प्रदान किया है। इसके कारण गरीब देशवासियों का कल्याण ही नहीं वरन् उनकी पहचान भी तिरे में पड़ गई है। विभिन्न देशों और जनसमुदायों के बीच की खाई और विस्तृत हो रही है। आर्थिक सुधारों ने केवल उच्च आय वर्ग की आमदनी और उपभोग स्तर का उन्नयन किया है तथा सारी संवृद्धि कुछ गिने-चुने क्षेत्रों; जैसे-दूरसंचार, सूचना प्रौद्योगिकी, वित्त, मनोरंजन आदि तक सीमित रही है। कृषि विनिर्माण जैसे आधारभूत क्षेत्रक, जो देश के करोड़ों लोगों को रोजगार प्रदान करते हैं, इन सुधारों से लाभान्वित नहीं हो पाए हैं।

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