Question -
Answer -
मानव पूंजी का विचार मानव को किसी साध्य की प्राप्ति का साधन मानता है। यह साध्य उत्पादकता में वृद्धि का है। इस मतानुसार शिक्षा और निवेश पर किया गया निवेश अनुत्पादक है, अगर उसमें वस्तुओं और सेवाओं के निर्गत में वृद्धि न हो। मानव विकास का संबंध इस बात से है कि स्वास्थ्य एवं शिक्षा मानव भलाई का अंग है। मानव विकास वह अवसर प्रदान करता है जिससे वे उपयोगिता प्राप्त करने में चयन कर सकें। मानव विकास के परिप्रेक्ष्य में मानव स्वयं साध्य भी है। भले ही शिक्षा, स्वास्थ्य आदि पर निवेश से श्रम की उच्च उत्पादकता में सुधार न हो किंतु इनके माध्यम से मानव कल्याण का संवर्द्धन तो होना ही चाहिए। प्राथमिक शिक्षा और स्वास्थ्य उसके लिए आवश्यक हैं। संक्षेप में मानव पूंजी की अवधारणा का संबंध मानव की उत्पादकता से है जबकि मानव विकास की अवधारणा का संबंध मानव कल्याण से है। दोनों अवधारणाओं में शिक्षा एवं स्वास्थ्य प्रमुख स्रोत हैं। लेकिन निवेश का लक्ष्य अलग-अलग है। मानव विकास से मानवीय उत्पादकता में स्वतः वृद्धि हो । जाएगी। अत: मानव विकास, मानन पूँजी की तुलना में अधिक व्यापक है।