Question -
Answer -
देशी उद्योगों को विदेशी प्रतिस्पर्धा से संरक्षण प्रदान करने के उद्देश्य से, हमारे नीति-निर्धारकों ने परिमाणात्मक उपाय लागू किए। इसके लिए आयात पर कठोर नियन्त्रणों एवं प्रशुल्कों का प्रयोग होता था। परिमाणात्मक उपाय प्रशुल्क एवं अप्रशुल्क दोनों प्रकार से किए जाते हैं। कोटा, लाइसेंस, प्रशुल्क आदि परिमाणात्मक प्रतिबन्धों के अन्तर्गत आते हैं।