Question -
Answer -
भारत के आर्थिक विकास में अंग्रेजों का नकारात्मक पक्ष सकारात्मक पक्ष की तुलना में अधिक प्रबल है। यद्यपि अंग्रेजी इतिहासकार भारत के अल्पविकास के लिए अंग्रेजी शासन को उत्तरदायी नहीं मानते। इस बारे में एल०सी०ए० नोल्स (L.C.A. Knowles) का कहना है-“ब्रिटिश शासकों ने तो आर्थिक विकास को प्रोत्साहन दिया, न कि उसमें बाधा डाली। वेरा एन्स्टे (Vera Anstey) का कहना है कि नसंख्या में अत्यधिक वृद्धि और लोगों के दृष्टिकोण के कारण यह देश आर्थिक दृष्टि से अल्पविकसित रह गया। इसके लिए आर्थिक नीतियाँ अधिक जिम्मेदार नहीं हैं। भारतीय अर्थशास्त्री-दादाभाई नौरोजी, रमेशचन्द्र दत्त, रजनी पाम दत्त, वी०वी० भट्ट आदि इन विचारों का खण्डन करते हैं। यद्यपि, भारत के अल्पविकास के लिए ब्रिटिश शासन ही उत्तरदायी है तथापि ब्रिटिश साम्राज्य का भारत के विकास में सकारात्मक योगदान भी रहा है जो निम्नलिखित है।
- ब्रिटिश शासन के अंतर्गत राजनीतिक एवं प्रशासन की दृष्टि से भारत एक इकाई बन गया।
- शांति एवं व्यवस्था की दृष्टि से स्थिति में सुधार हुआ।
- परिवहन और संचार सुविधाओं में वृद्धि हुई।
- नगरीय क्षेत्रों में पाश्चात्य उत्तरदायी विचारों का प्रभाव पड़ा। इसके बावजूद राज्य की शोषणकारी आर्थिक नीति ने विकास के पुराने भौतिक आधार को नष्ट कर दिया. जो आगे चलकर भारत के आर्थिक विकास में बाधक बना।