Question -
Answer -
समाज में लोग अपनी आजीविका कमाने के लिए विभिन्न प्रकार की आर्थिक गतिविधियों में लगे रहते हैं। कोई वस्तुओं का उत्पादन करता है, कोई वस्तुओं को बेचता है या फिर अन्य काम में लगे रहते हैं। इन सब आर्थिक क्रियाओं को तभी समझा जा सकता है जब उन्हें विभिन्न वर्गों में विभाजित किया जाए। इसलिए विभिन्न आर्थिक क्रियाओं को प्राथमिक, द्वितीयक तथा तृतीयक क्षेत्र में बाँट कर उन्हें समझने का प्रयास किया गया है। प्राथमिक क्षेत्र में केवल वे क्रियाएँ शामिल की गई हैं जो प्राकृतिक संसाधनों का प्रयोग करके ही की जा सकती हैं, जैसे-कृषि कार्य, पशुपालन आदि। द्वितीयक क्षेत्र में वे क्रियाएँ शामिल हैं जो प्राथमिक क्षेत्र के संसाधनों का प्रयोग करके विभिन्न वस्तुओं का निर्माण करती हैं, जैसे-गन्ने से चीनी बनाना तथा कपास से कपड़ा तैयार करना । तृतीयक क्षेत्र में किसी वस्तु का निर्माण न करके केवल सेवाएँ प्रदान की जाती हैं, जैसे-बैंकिंग, परिवहन तथा संचार सेवाएँ आदि। ये महत्वपूर्ण क्रियाएँ हैं क्योंकि अन्य दोनों प्रकार की क्रियाओं का विकास इन्हीं पर निर्भर करता है।