Question -
Answer -
औद्योगीकरण के कारण लंदन की बढ़ती आबादी ने सफाई और स्वास्थ्य संबंधी अनेक समस्याएँ पैदा कर दीं। गरीबों के एक कमरे वाले मकानों में जनता के स्वास्थ्य के लिए खतरा उत्पन्न हो रहा था। इन मकानों में भीड़ रहती थी, हवा निकासी का इंतजाम नहीं था। लंदन को साफ-सुथरा बनाने के लिए तरह-तरह के प्रयास किए गए। भीड़ भरी बस्तियों की भीड़ कम करने, खुले स्थानों को हरा-भरा बनाने, आबादी कम करने और शहर को योजनानुसार बसाने के लिए कोशिशें शुरू कर दी गई।
(क) सार्वजनिक जीवन में सुधार लाने के लिए उठाए गए कदम
- मकानों की भारी किल्लत के असर को काबू करने के लिए प्रथम विश्व युद्ध के दौरान किराया नियंत्रण कानून लागू किया गया।
- वास्तुकार और योजनाकार एवेनेजर हावर्ड ने गार्डन सिटी की अवधारणा दी। उन्होंने एक ऐसे शहर का खाका खींचा जहाँ पेड़-पौधों की भरमार हो और जहाँ लोग रहते भी हों, काम भी करते हों।
- हावर्ड के विचारों के आधार पर रेमंड अनविन और बैरी पार्कर ने न्यू अर्जविक नाम से एक गार्डन सिटी का डिजाइन तैयार किया। इसमें साझा बाग-बगीचे, खूबसूरत नजारों का इंतजाम किया गया था। हर चीज को बड़ी बारीकी से सजाया गया था।
- लंदन के इर्द-गिर्द हरित पट्टी विकसित की गई।
(ख) निजी जीवन में सुधार के कदम –
- बर्लिन और न्यूयार्क जैसे शहरों की तर्ज पर अपार्टमेंट्स के विशाल ब्लॉक बनाए गए।
- विश्व युद्धों के दौरान मजदूर वर्ग के लिए आवास का इंतजाम करने की जिम्मेदारी ब्रिटिश राज्य ने अपने ऊपर ले ली और स्थानीय शासन के जरिये 10 लाख मकान बनाए गए।
इस प्रकार प्रदूषण कम करने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए किंतु उनका फायदा केवल समाज के अमीर वर्ग को ही मिला। गार्डन सिटी में बने मकानों को केवल खाते-पीते कामगार ही खरीद सकते थे। लंदन व पेरिस के अमीर देहात में अवकाश गृह बनवाने का खर्चा उठा सकते थे किंतु यह विकल्प सबके पास नहीं था।