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Question -

यूरोप से बाहर के देशों में राष्ट्रवादी प्रतीकों के बारे में और जानकारियाँ इकट्ठा करें। एक या दो देशों के विषय में ऐसी तस्वीरें, पोस्टर्स और संगीत इकट्ठा करें जो राष्ट्रवाद के प्रतीक थे। वे यूरोपीय राष्ट्रवाद के प्रतीकों से भिन्न कैसे हैं?



Answer -

ये सभी चित्र भारत के राष्ट्रीय आंदोलन के दौरान राष्ट्रीय प्रतीक थे।

  1. चित्र 1. में तिलक जी को विभिन्न धर्मों के पवित्र स्थानों के मध्य खड़ा किया गया है। यानि धार्मिक एकता या जुड़ाव को दर्शाया गया है न कि अलग-अलग किया गया है।
  2. चित्र 2. में भारत माता को अन्नपूर्णा के रूप में दर्शाया गया है। जर्मेनिका की तरह केवल वीरता के प्रतीक के रूप में चित्रित नहीं किया गया है।
  3. चित्र 3. में नेहरू जी को भारत माता व भारत के नक्शे को ह्रदय के पास रखे दिखाया गया है। यह इस बात का प्रतीक है कि इन प्रतीकों द्वारा लोगों की भावनाओं को ही जागृत न किया जाए बल्कि इन भावनाओं को ह्रदय से स्वीकार करते हुए उनके लिए हर प्रकार के बलिदान देने के लिए भी तैयार किया जाए।
  4. चित्र 1 और चित्र 3 में रूपकों की बजाए लोकप्रिय नेताओं को राष्ट्रीय प्रतीकों से जोड़ा गया है ताकि ज्यादा-से-ज्यादा लोग इनकी ओर आकर्षित हों और उनमें राष्ट्रवाद की भावना जागे। ये नेता जननेता थे, जिन्हें आम जनता अपना आदर्श मानती थी।
  5. चित्र 4. में भारत माता को लक्ष्मी, सरस्वती और दुर्गा के रूप में दर्शाया गया है इसमें दुर्गा के रूप को महत्त्व दिया गया है। उनके हाथ में त्रिशूल है जिस पर तिरंगा लहरा रहा है और वे स्वयं शेर तथा हाथी के मध्य खड़ी हैं जो कि शक्ति और सत्ता के प्रतीक हैं। यह चित्र भी यूरोपीय प्रतीकों से भिन्न है क्योंकि इसमें आध्यात्मिकता के गुण को आधार बनाकर विजय प्राप्त करने की कामना की गई है।

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