Question -
Answer -
ब्रिटेन में राष्ट्रवाद का विकास एक लंबी संवैधानिक प्रक्रिया द्वारा हुआ। इसमें किसी प्रकार की रक्तरंजित क्रांति नहीं हुई। अतः इस प्रक्रिया को आमतौर पर हम ‘रक्तहीन क्रांति’ के नाम से भी जानते हैं। यह प्रक्रिया इस प्रकार है
- 18वीं शताब्दी से पूर्व ब्रितानी एक राष्ट्र नहीं था। जबकि ब्रितानी द्वीप समूह में-अंग्रेज, वेल्श, स्कॉट या आयरिश | पहचान वाली नृजातीय समूह रहते थे जिनकी अपनी विशिष्ट सांस्कृतिक व राजनैतिक परंपराएँ थीं।
- इनमें आंग्ल राष्ट्र ने अपनी धन-दौलत, अहमियत और सत्ता के बल पर अन्य द्वीप समूह के राष्ट्रों पर अपना प्रभाव स्थापित करना प्रारंभ किया।
- 1688 ई० में एक लंबे संघर्ष के माध्यम से राजतंत्र की समस्त शक्ति आंग्ल संसद के अधीन आ गई और एक राष्ट्र का निर्माण किया गया जिसका केन्द्र इंग्लैंड था।
- इंग्लैंड और स्कॉटलैंड के बीच एक्ट ऑफ यूनियन 1707 ई० में हुआ जिसके द्वारा यूनाइटेड किंग्डम ऑफ ग्रेट ब्रिटेन का गठन किया गया। इसी के माध्यम से स्कॉटलैंड पर इंग्लैंड का प्रभुत्व स्थापित हो गया।
- स्कॉटलैंड में ब्रितानी पहचान का विकास करने के लिए यहाँ की संस्कृति व राजनैतिक संस्थाओं को योजनाबद्ध ढंग से नष्ट किया गया। जैसे-स्कॉटिश हाइलैंड्स के वासियों को उनकी गेलिक भाषा बोलने और राष्ट्रीय पोशाक पहनने से रोका गया। इस कारण मजबूर होकर लोगों को अपना देश छोड़कर अन्य जगहों पर जाना पड़ा।
- आयरलैंड में भी ऐसा किया गया और यहाँ पर अंग्रेजों ने धार्मिक मतभेद को हथियार बनाया। आयरलैंड में कैथोलिक व प्रोटेस्टेंट दो धार्मिक गुट थे। अंग्रेजों ने प्रोटेस्टेंटों की मदद करके कैथोलिकों को दबाया।
- 1798 ई० में वोल्फ़ टोन और उसकी यूनाइटेड आयरिशमेन नेतृत्व में जो विद्रोह हुआ उसे दबा दिया गया और आयरलैंड को यूनाइटेड किंग्डम का भाग बना लिया गया।
- ब्रितानी राष्ट्र का निर्माण करके इसके राष्ट्रीय प्रतीकों- यूनियन जॅक (ब्रिटेन का झंडा) और गॉड सेव आवर नोबल किंग (राष्ट्रीय गान) को संपूर्ण यूनाइटेड किंग्डम में प्रचारित व प्रसारित किया गया।