Question -
Answer -
(क) 19वीं सदी में धनी लंदनवासियों ने गरीबों के लिए मकान बनाने का समर्थन निम्नलिखित कारणों से किया
- गरीबों के एक कमरे वाले मकानों में भीड़ रहती थी, वहाँ हवा निकासी का इंतजाम नहीं था और साफ़-सफ़ाई की सुविधाएँ नहीं थीं।
- खस्ताहाल मकानों के कारण आग लगने का खतरा बना रहता था।
- इस विशाल जनसमूह के कारण सामाजिक उथल-पुथल की आशंका दिखाई देने लगी थी। 1917 की रूसी क्रांति के बाद यह डर काफ़ी बढ़ गया था। लंदन के गरीब कहीं विद्रोह न कर दें, इस आशंका से निपटने के लिए मजदूरों के लिए आवासीय योजनाएँ शुरू की गईं।
(ख) बम्बई में जो फिल्में बनीं उनमें से कई फिल्में बाहर से आने वाले लोगों की जिंदगी पर आधारित होती थीं। इसके कई कारण थे
- इनमें उनके जीवन में आने वाली दैनिक समस्याओं को दिखाया गया।
- इनमें लोकप्रिय गीतों द्वारा शहरों के अंतर्विरोधों को दर्शाया गया जैसे सी.आई.डी. का गाना ‘ऐ दिल है मुश्किल जीना यहाँ, जरा हटके जरा बचके यह है बंबई मेरी जान।
- इनमें उन लोगों के जीवन को भी दर्शाया गया जो बंबई को सपनों का शहर समझकर आते थे और यहाँ पर अनेक कठिनाईयों का सामना करते थे।
- इनमें शहरी अमीरों और बाहर से आने वाले गरीबों के बीच के अंतर्विरोधों को स्पष्ट रूप से दर्शाया जाता था।
- बाहर से आने वाले लोगों को बंबई के जीवन में गंदा वातावरण, आवासी मकानों का अभाव, लोगों का संकीर्ण दृष्टिकोण, मानव-मूल्यों की उपेक्षा, गरीबी और अपराध को फिल्मों में दिखाया गया।
(ग) 19वीं सदी के मध्य में बंबई की आबादी में भारी वृद्धि के कारण
- शहरी आकर्षण – बंबई की आबादी बढ़ने का मुख्य कारण लोगों का शहरों के प्रति बढ़ता आकर्षण था, जिससे आकर्षित होकर लोग यहाँ पर आकर रहने लगे। उन्होंने आधुनिक जीवन शैली को अपनाने के साथ-साथ रोजगार के नये अवसरों की तलाश कर अपना जीवन-स्तर ऊँचा उठाया। जैसे-रहन-सहन की आधुनिक जीवन पद्धति, रोजगार के नए अवसर, आदि।
- व्यापारिक कारण – बंबई देश की प्रमुख बंदरगाहों में से एक है। यहां से बड़ी मात्रा में वस्तुओं का आयात निर्यात होता था। इस कारण यह पश्चिमी भारत का प्रशासनिक और व्यापारिक केन्द्र बन गया जिससे लोग नवीन व्यापारिक अवसरों को प्राप्त करने के लिए यहाँ आने लगे।
- रोजगार के नवीन अवसर – 1819 में बंबई को प्रेसीडेंसी की राजधानी घोषित कर दिया गया। परिणामस्वरूप बंबई एक प्रमुख व्यापारिक केन्द्र के रूप में प्रकट हो गया। इस कारण व्यापारी, महाजन, जमींदार आदि यहाँ पर नवीन व्यापार के लिए आने लगे। आम ग्रामीण लोग यहाँ पर रोजगार के अवसर को प्राप्त करने के लिए तथा फिल्मी जगत में अपना भाग्य आजमाने के लिए आने लगे।
- आवागमन का विकास – बंबई जब प्रमुख व्यापारिक और प्रशासनिक केन्द्र बन गया तब यहाँ पर आवागमन की सुविधाओं का भी विकास हुआ, जिस कारण लोगों का यहाँ आना जाना आसान हो गया।
- प्राकृतिक प्रकोप – 1888-89 के बीच कच्छ के सूखे क्षेत्रों में अकाल पड़ने के कारण लोग यहाँ पर काम की तुलाश में आए। 1898 में जब प्लेग एक महामारी के रूप में फैला तब भी लोग इससे बचने के लिए बंबई आ गए। अंतत: उपरोक्त कारणों से बंबई की आबादी बढ़ गई।