Question -
Answer -
जब द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद सभी उपनिवेशो में साम्राज्यवाद के विरूद्ध संघर्ष प्रारंभ हुआ तब संघर्ष द० अमेरिका (लैटिन अमेरिका) के देशों में भी हुआ। यहाँ पर इन देशों की स्वतंत्र सरकारें बनीं । यहाँ के देश हैं-अर्जेण्टाइना, चिली, उरूग्वे, परागुआ और क्यूबा। अर्जेण्टाइना का साम्राज्यवाद विरोधी आंदोलन
- द० अमेरिका के इतिहास में अर्जेण्टाइना में नए शासन की स्थापना एक नवयुग का श्री गणेश था।
- 24 फरवरी, 1946 को जे.डी. पेरा के नेतृत्व में नई सरकार बनी। वे स्वयं राष्ट्रपति नियुक्त हुए।
- सरकार को जन साधारण का समर्थन प्राप्त था।
- पेरा ने अपने देश के आर्थिक विकास के लिए कई जनहित कार्य किए। जैसे उद्योगों की प्रगति, रेल, टेलिफोन का विकास आदि।
- देश की सुरक्षा के लिए सैनिक सुदृढ़ता के कार्य भी किए गए।
- 14 सितंबर 1953 को पेरा के विरुद्ध सैनिक विद्रोह हुआ और यहाँ पर सैनिक शासन की स्थापना हुई।
जब दोनों देशों के सैनिक आपस में एक दूसरे से मिलेंगे तो वे संभवत: यह बातचीत करेंगे
- दोनों अपने-अपने देशों में अमेरिका के विरुद्ध संघर्ष के बारे में बात करेंगे कि कैसे उनके देश के लोगों ने अमेरिका के प्रभुत्व को चुनौती देकर उसे हराया।
- वियतनामी सैनिक जब अर्जेण्टाइना के सैनिकों को अपने देश के छात्रों, महिलाओं के योगदान के विषय में बताएगा | तो अर्जेण्टाइना का सैनिक भी बताएगा कि उसके देश में भी इन वर्गों ने संघर्ष में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
- वियतनामी सैनिक संघर्ष के बाद स्थापित हुई सरकार के विषय में भी बता सकता है। अर्जेण्टाइना का सैनिक भी | बताएगा कि उसके देश की नई सरकार ने भी कई जनहित कार्य किए हैं ताकि देश का विकास हो सके।