Question -
Answer -
वे विकासशील देश जो द्वितीय विश्व युद्ध के बाद स्वतंत्र हुए थे किंतु 50 व 60 के दशक में पश्चिमी अर्थव्यवस्थाओं की तेज प्रगति से उन्हें कोई लाभ नहीं हुआ। इस समस्या को देखते हुए उन्होंने एक नई अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक प्रणाली के लिए आवाज उठाई और अपना एक संगठन बनाया जिसे समूह-77 या जी-77 के नाम से जाना जाता है।
ब्रेटन वुड्स सम्मेलन में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक का जन्म हुआ था जिन्हें ब्रेटन वुड्स की जुड़वाँ संतान कहा जाता है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक पर केवल कुछ शक्तिशाली विकसित देशों का ही प्रभुत्व था इसलिए उनसे विकासशील देशों को कोई लाभ नहीं हुआ। इसलिए ब्रेटन वुड्स की जुड़वाँ संतानों विश्व बैंक और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रतिक्रिया स्वरूप विकासशील देशों ने जी-77 नामक संगठन बनाकर नई आर्थिक प्रणाली की माँग की ताकि उनके आर्थिक उद्देश्य पूरे हो सकें। उनके प्रमुख आर्थिक उद्देश्य थे-अपने संसाधनों पर उनका पूरा नियंत्रण हो, कच्चे माल के सही दाम मिलें और अपने तैयार मालों को विकसित देशों के बाजारों में बेचने के लिए बेहतर पहुँच मिले।