Question -
Answer -
19वीं शताब्दी में लगभग पूरे यूरोप में राष्ट्रीयता का विकास हुआ जिस कारण राष्ट्र राज्यों का उदय हुआ। इनमें बेल्जियम व पोलैंड भी ऐसे ही देश थे।
1815 ई० में नेपोलियन की हार के बाद वियना संधि द्वारा बेल्जियम और पोलैंड को मनमाने तरीके से अन्य देशों के साथ जोड़ दिया गया। जिनका आधार यूरोपीय सरकारों की यह रूढ़िवादी विचारधारा थी कि राज्य व समाज की स्थापित पारंपरिक संस्थाएँ जैसे राजतंत्र, चर्च, सामाजिक ऊँच-नीच, संपत्ति और परिवार बने रहने चाहिए। इसका बेल्जियम व पोलैंड ने विरोध किया। अपने को स्वतंत्र राष्ट्र राज्य के रूप में स्थापित किया। इनका निर्माण इस प्रकार हुआ :-
- बेल्जियम – वियना कांग्रेस द्वारा बेल्जियम को हॉलैंड के साथ मिला दिया गया। परंतु दोनों देशों में ईसाई धर्म के कट्टर । विरोधी मतानुयायी रहते थे। जहाँ बेल्जियम में कैथोलिक थे वहाँ हॉलैंड में प्रोटेस्टेंट। हॉलैंड का शासक भी हॉलैंड वासियों को बेल्जियमवासियों से श्रेष्ठ मानता था। अतः इस श्रेष्ठता को बनाए रखने के लिए उसने सभी स्कूलों में प्रोटेस्टेंट धर्म की शिक्षा देने की राजाज्ञा जारी की। इसका बेल्जियमवासियों ने कड़ा विरोध किया, इसमें इंग्लैंड ने भी उनका साथ दिया जिस कारण हॉलैंड को बेल्जियम को 1830 में स्वतंत्र करना पड़ा। बाद में यहाँ पर इंग्लैंड जैसी संवैधानिक व्यवस्था कायम हुई।
- पोलैंड – वियना संधि द्वारा ही पोलैंड को दो भागों में बाँटा गया और इसका बड़ा भाग रूस को ईनाम के तौर पर दे दिया गया। परंतु जब वहाँ के लोगों में राष्ट्रीय भावना का विकास हुआ तो 1848 में पोलैंड में, वारसा में, क्रांति आरंभ हुई। इसे रूसी सेनाओं ने कठोरता से दबा दिया। परंतु राष्ट्रवादियों ने हार नहीं मानी और दुबारा विद्रोह किया जिसमें उन्हें सफलता मिली।