Question -
Answer -
19वीं शताब्दी में ब्रिटेन में औद्योगिक क्षेत्र में कई परिवर्तन आए। इसका विस्तार हुआ, उत्पादन तकनीक में सुधार हुआ आदि। इस कारण इस क्षेत्र में कई समस्याएँ उत्पन्न हुईं जिन पर तत्कालीन उपन्यासकारों ने जमकर लिखा। ये उपन्यासकार थे
टॉमस हार्डी – हाड इंग्लैंड के 19वीं सदी के उपन्यासकार थे। उन्होंने यहाँ पर तेजी से नष्ट होते ग्रामीण समुदायों के बारे में लिखा। उनके समय में बड़े किसानों ने अपनी जमीनों को बाड़ाबंद करके मजदूरों को मशीनों पर लगाकर बाज़ार के लिए उत्पादन करना प्रारंभ कर दिया था। इस बदलाव की झलक उनके उपन्यास ” मेयर ऑफ कास्टरब्रिज” (1886) में मिलती है। यह कहानी माइकल हेंचर्ड की है, जो पहले अनाज व्यापारी था, बाद में कैस्टरब्रिज नामक ग्रामीण क्षेत्र का मेयर बनता है। वह एक स्वतंत्र विचारों वाला व्यक्ति है जो अपने तरीके से व्यापार करता है। परन्तु अपने कर्मचारियों के प्रति उसका व्यवहार अनिश्चित-कभी दयालु, कभी निर्दयी होता है। अतः वह अपने प्रबंधक व प्रतिद्वंदी के सामने टिक नहीं पाता। उसका प्रतिद्वंदी डॉनल्ड फ़ारफ्रे की प्रबंधन तकनीक सक्षम थी और लोगों का मानना था सभी के साथ उसका व्यवहार शालीन था।
इस उपन्यास में जहाँ हार्डी नष्ट होती प्राचीन व्यवस्था के प्रति चिंतित थे, वहीं पुरानी व्यवस्था की कमियों व नई अच्छाइयों के प्रति सचेत हैं। उनकी भाषा शैली आम लोगों की भाषा है तथा उन्होंने अलग-अलग बोलियों से निकटता बनाकर अपने उपन्यास में एक राष्ट्र के विविध समुदायों की साझा दुनिया रची है। अत: इस उपन्यास की भाषा के लिए तत्कालीन प्रचलित भाषाओं की अलग-अलग शैलियों से सामग्री ली। इस प्रकार उन्होंने अपने शास्त्रीय तथा सड़क छाप दोनों तरह की भाषाओं को मिलाकर अपने उपन्यास की रचना की। इस तरह से उनके उपन्यास ने कई संस्कृतियों को एकत्र करने का कार्य किया।
चार्ल्स डिकेन्स – (1812-70)-डिकेन्स भी इंग्लैंड के उपन्यासकार थे। उनके समय में यूरोप औद्योगिक युग में प्रवेश कर रहा था, फैक्ट्रियों का निर्माण तथा व्यवसाय में मुनाफे की वृद्धि के कारण अर्थव्यवस्थाओं का विस्तार हो रहा था। परंतु इसी के साथ कई समस्याएँ जैसे मजदूरों की समस्याएँ, अधिक काम और कम मजदूरी (शहरों में), गरीबी, बेरोजगारी, इनका वर्कहाउस या रैन बसेरों में शरण लेना आदि उजागर होने लगी थीं। औद्योगिक प्रगति के साथ-साथ मुनाफाखोरों को सही व मजदूरों को कमतर इन्सान मानने की प्रवृत्ति बढ़ गई थी। चार्ल्स डिकेन्स ने इसी प्रवृत्ति की निंदा करते हुए लिखा। उनके उपन्यास ‘हार्ड टाइम्स’ (1854) में कोकटाउन, जो कि एक उदास काल्पनिक औद्योगिक शहर है, का वर्णन है। यहाँ मशीनों की भरमार है, धुआँ उगलती चिमनियाँ, प्रदूषण और मकान सब उदासीन हैं। मजदूरों को यहाँ ‘हाथ’ की संज्ञा दी जाती है, जिनका अस्तित्व मशीनों को चलाने तक सीमित है। इस उपन्यास में उन्होंने ‘लाभ के मोह’ तथा इंसान को मशीन मानने की प्रवृति की कड़ी निंदा की है।
अपने उपन्यास ओलिवर ट्विस्ट’ (1838) में उन्होंने एक अनाथ बच्चे ओलिवर की कहानी को लिखा है, जिसे परिस्थितिवश छोटे-मोटे अपराधियों व भिखारियों के साथ रहना पड़ता है। वह एक निर्मम वर्कहाउस में पलता और बढ़ता है तथा बाद में एक अमीर उसे गोद ले लेता है। इसके बाद उसका जीवन सुखद हो जाता है।
इस प्रकार उन्होंने अपने उपन्यासों के माध्यम से औद्योगिक युग के दौरान सभी पक्षों की समस्याओं का चित्रण बड़े ही प्रभावशाली ढंग से किया है जिस कारण आज भी उनके उपन्यास बड़ी उत्सुकता से पढ़े जाते हैं।